International Women’s Day 2025 Google Doodle: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मना रहा है गूगल, खास डूडल के जरिए STEM क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को किया याद
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 गूगल डूडल (Photo Credits: Google)

International Women's Day 2025 Google Doodle: हर साल 8 मार्च को दुनिया भर की महिलाओं के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) का जश्न मनाया जाता है. ऐसे में सर्च इंजिन गूगल (Google) भला कैसे पीछे रह सकता है? आज (8 मार्च 2025) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी इंटरनेशनल विमेंस डे का जश्न मनाने के लिए गूगल ने शानदार डूडल (Doodle) बनाया है और इसके जरिए सर्च इंजिन ने STEM क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को याद किया है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने पहली बार सन 1975 में इस दिवस को दुनिया भर में महिलाओं के योगदान के महत्व पर जोर देने के लिए मनाया था.

डूडल ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है- हमारे डूडल के साथ, हम STEM क्षेत्रों में दूरदर्शी महिलाओं का सम्मान करते हैं. डूडल कलाकृति उन महिलाओं के अभूतपूर्व योगदान को उजागर करती है जिन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण में क्रांति लाई, प्राचीन खोजों को उजागर किया और प्रयोगशाला अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाई जिसने भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की हमारी समझ को मौलिक रूप से आकार दिया. इसमें आगे बताया गया है कि ये उपलब्धियां विज्ञान में महिलाओं के योगदान का एक छोटा सा हिस्सा मात्र हैं. यह भी पढ़ें: International Women's Day 2025 Messages: हैप्पी इंटरनेशनल विमेंस डे! इन हिंदी WhatsApp Wishes, Quotes, Facebook Greetings के जरिए व्यक्त करें महिलाओं के प्रति सम्मान

STEM वर्कफोर्स

गूगल के डूडल में आगे कहा गया है कि महिलाओं का काम लैंगिक समानता की दिशा में चल रही प्रगति को दर्शाता है, फिर भी STEM उन क्षेत्रों में से एक है, जहां अभी भी महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है. इसके अलावा, डूडल ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक STEM वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 29 फीसदी है, लेकिन यह संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. डूडल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस इतिहास में महिलाओं द्वारा किए गए प्रभाव की एक शक्तिशाली याद दिलाता है.

इसमें आगे कहा गया है कि महिलाओं की सामूहिक उपलब्धियों ने आज जिस दुनिया में हम रहते हैं, उसे आकार देने में मदद की है, जिससे हमें आधुनिक युग की प्रगति और नवाचारों का आनंद लेने का मौका मिला है. भारत में पहली बार यह उत्सव सन 1914 में मनाया गया था, जब पुणे में एक उत्सव मनाया गया था. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस दिन को प्रमुखता मिली, जब महिलाओं ने आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से भाग लिया.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इस साल की थीम ऐसी कार्रवाई का आह्वान करता है जो सभी के लिए समान अधिकार, शक्ति और अवसर प्रदान कर सके, साथ ही एक नारीवादी भविष्य का निर्माण कर सके, जिसमें कोई भी पीछे न छूटे. इस दृष्टिकोण का केंद्र अगली पीढ़ी- युवाओं, विशेष रूप से युवा महिलाओं और किशोरियों को स्थायी परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में सशक्त बनाना है. यह भी पढ़ें: International Women's Day 2025 Greetings: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई! शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, HD Images और GIF Wallpapers

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास

8 मार्च को दो शुरुआती महिला दिवस प्रदर्शनों की वर्षगांठ है- एक सेंट पीटर्सबर्ग में और दूसरा न्यूयॉर्क शहर में. अलग-अलग वर्षों और स्थानों पर आयोजित होने के बावजूद, दोनों रैलियों का एक ही लक्ष्य था: लैंगिक समानता की वकालत करना, जिसमें निष्पक्ष और सुरक्षित कार्य परिस्थितियां, मतदान का अधिकार और सार्वजनिक पद धारण करने का अवसर शामिल है.

19 मार्च, 1911 को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में महिला दिवस मनाया गया, जिसमें 1 मिलियन से अधिक लोगों ने महिलाओं के अधिकारों की मांग करते हुए रैलियों में भाग लिया, जिसमें मतदान का अधिकार, सार्वजनिक पद धारण करने और बिना भेदभाव के काम करने का अधिकार शामिल था.

वहीं 1917 में, महिला दिवस के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में हुआ, जब प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महिला श्रमिकों ने ‘रोटी और शांति’ के लिए हड़ताल का नेतृत्व किया. इस विरोध ने रूसी क्रांति को बढ़ावा दिया और अंततः देश में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त हुआ. परिणामस्वरूप, 1921 में 8 मार्च को आधिकारिक तौर पर सोवियत संघ में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया.