Abu Azmi Suspension: एसपी MLA अबू आज़मी ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को लिखा पत्र, निलंबन रद्द करने की मांग की
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Abu Azmi Suspension: औरंगजेब की तारीफ करने पर सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र तक निलंबित कर दिया गया है. निलंबन वापस लेने को लेकर एसपी विधायक अबू आजमी ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को पत्र लिखा है. पत्र में अबू आजमी ने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मांग किया कि  "मेरे बयान को संदर्भ से बाहर रखा गया है. जो कुछ भी मैंने कहा, वह कई अन्य इतिहासकारों और लेखकों के उद्धरणों पर आधारित था. मैंने छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में कोई विवादास्पद टिप्पणी नहीं की. मैं दोनों छत्रपति संभाजी महाराज और छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान करता हूं .मैं विनम्रता से अपने निलंबन की रद्दीकरण की मांग करता हूं.

'निलंबन पर जताया था अफसोस'

वहीं इससे पहेल एसपी विधायक अपने निलंबन पर अफसोस जाते हुए कहा. जिन लोगों ने औरंगजेब के बारे में किताबें लिखी है, उनकी किताबों पर बैन नहीं लगा है, वो आज भी पढ़ी जा रही है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. मैं अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर विधानसभा में बात रखने वाला था, लेकिन मुझे निलंबित किया गया कि मैं जनता के मुद्दों को न उठा पाऊं. यह भी पढ़े: Abu Azmi Suspended: महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी के निलंबन पर अखिलेश यादव भड़के, फैसले को बताया गलत

बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया; अबू आजमी

सदन से निलंबित किए जाने के बाद आजमी ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उन्होंने कहा, “मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका जिक्र इतिहासकारों और लेखकों ने किया है. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी राष्ट्रीय हस्ती के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। फिर भी, अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान और टिप्पणियां वापस लेता हूं.”

आजमी ने बयान को भी लिया वापस

आजमी के कार्यालय द्वारा जारी एक वीडियो बयान में सपा विधायक ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा था लेकिन सदन की कार्यवाही जारी रह सके, इसलिए उन्होंने विधानसभा के बाहर की गई अपनी टिप्पणी को वापस ले लिया.

दरअसल उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को विधान परिषद और विधानसभा दोनों में आजमी पर निशाना साधा. शिंदे ने कहा था, “आजमी जानबूझकर शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं. संभाजी महाराज की बहादुरी और औरंगजेब की क्रूरता लोगों के रोंगटे खड़े कर देगी.” जिसके बाद आब्जी के खिलाफ ठाणे के केस भी दर्ज हो गया.