नई दिल्ली, 13 मार्च : राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति एम वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने शनिवार को सदन के सदस्यों से कहा कि वे ऐसा कुछ मत करें या कहें जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचता हो और जिसका इस्तेमाल देश के दुश्मन कर सकते हों. ऊपरी सदन के नए सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा, तर्क-वितर्क और निर्णय लेना लोकतंत्र के मंत्र हैं तथा सदस्यों को सदन में व्यवधान का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए. यह भी पढ़े: West Bengal: टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा का दावा- कंधार हाईजैक में ममता बनर्जी आतंकियों के हाथों खुद को सौंपने को तैयार थीं
उल्लेखनीय है कि नियम 267 के तहत संबंधित दिन के संसदीय कामकाज को रद्द कर उस मुद्दे पर चर्चा की जाती है जिसकी मांग इस नियम के तहत की गई हो. विपक्षी सदस्य सदन में अक्सर इस नियम का हवाला देते हैं. मौजूदा बजट सत्र में भी कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इसी नियम के तहत महंगाई और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की.
नायडू ने सदस्यों से कहा कि वे एकजुट और समावेशी भारत के लिए बात करें और काम करें. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। हम एक दूसरे का विरोध करते हैं. परंतु जब देश की बात आती है तो उस समय हमें ऐसा कुछ नहीं करना या कहना चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे तथा देश के शत्रु उसका इस्तेमाल करें और कहें कि ऐसा भारत की संसद में कहा गया है.’’