Excise Policy Matters: दिल्ली की अदालत ने कारोबारी अमित अरोड़ा को जमानत दी
Court | Photo Credits: Twitter

नयी दिल्ली, 8 जून : दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में गुरुग्राम स्थित ‘बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक अमित अरोड़ा को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है. विशेष न्यायाधीश (ईडी एवं सीबीआई मामले) कावेरी बावेजा ने छह जून को जारी एक आदेश में कहा कि आरोपी की पत्नी का ऑपरेशन हुआ है और उसे उसकी देखभाल करने की जरूरत है. इस मामले में फिलहाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता और अन्य लोग न्यायिक हिरासत में हैं.

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के वकील विकास पाहवा ने दलील दी है कि आरोपी की पत्नी के पिता पहले ही गुजर चुके हैं जबकि उनकी मां करीब 72 साल की हैं तथा पंजाब के मोहाली में रहती हैं और उनके दो भाई बेंगलुरु तथा ब्रिटेन के लंदन में हैं.

न्यायाधीश ने कहा कि परिवार का कोई भी और सदस्य या चचेरा/मौसेरा/ ममेरा भाई/बहन घर में या आसपास भी नहीं रहता है या वह बमुश्किल ही आरोपी की पत्नी एवं उसके बच्चों की देखभाल के लिए उसके घर आता-जाता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा दूर के रिश्तेदार पति/पिता की अनुपस्थिति को पूरा नहीं कर सकते और आवेदक के परिवार के सदस्यों की अच्छी तरह देखभाल नहीं कर सकते. यह भी पढ़ें : Tribal Corporation Scams: कर्नाटक जनजातीय निगम घोटाले में भाजपा ने की सीबीआई जांच की मांग

अदालत ने कहा, ‘‘दलीलों पर विचार करने तथा आवेदक की पत्नी के चिकित्सा दस्तावेजों, उसके दो बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति, जैसा कि बताया गया है, समेत इस मामले के रिकॉर्ड पर गौर करने तथा इस तथ्य को भी ध्यान में रखते हुए कि आवेदक या उसकी पत्नी के परिवार में कोई ऐसा अन्य व्यक्ति नहीं है जो ऑपरेशन के बाद की जरूरी देखभाल कर सके, आवेदन मंजूर किया जाता है.’’ न्यायाधीश ने दो लाख रुपये के निजी बॉण्ड और इतनी ही राशि के एक मुचलके पर आरोपी को यह राहत दी.

अदालत ने निर्देश दिया कि आरोपी तब तक दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जाएगा जब तक कि उसकी पत्नी के इलाज के सिलसिले में यह जरूरी न हो. अरोड़ा को 29 नवंबर, 2022 को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. ईडी का धनशोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है. सीबीआई ने दावा किया था कि अरोड़ा सिसोदिया का करीबी है और वे दोनों शराब लाइसेंस से मिली अवैध धनराशि के ‘‘प्रबंधन एवं इसे इधर-उधर करने’’ में सक्रियता से शामिल थे.