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नयी दिल्ली, एक सितंबर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया वित्त वर्ष 2023-24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से कोयले की निकासी, खोज और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी से संबंधित परियोजनाओं में 1.22 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
उन्होंने कोल इंडिया (सीआईएल) द्वारा आयोजित संबंधित पक्षों की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि 1.22 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित व्यय में से 2023-24 तक कंपनी कोयले की निकासी पर 32,696 करोड़ रुपये, खनन से संबंधित बुनियादी ढांचे पर 25,117 करोड़ रुपए और परियोजना विकास पर 29,461 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
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जोशी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी विविधीकरण एवं स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी पर 32,199 करोड़ रुपये, सामाजिक बुनियादी ढांचे पर 1,495 करोड़ रुपये और खोज कार्यों पर 1,893 करोड़ रुपये व्यय करेगी।
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया 1.22 लाख करोड़ रुपये कुल 500 परियोजनाओं पर खर्च करेगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘कंपनी के कामकाज से सभी संबंधित पक्षों के जुड़ाव और भागीदारी से परियोजना जोखिम कम होंगे। आपस में संवाद से पारस्परिक रूप से लाभदायक नए विचारों, सुधार के क्षेत्रों और परियोजना से संबंधित अपेक्षाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करने में सहायता मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के साथ व्यापार की असीम संभावनाएं हैं। कंपनी दो चरणों में अपनी अंतिम छोड़ तक संपर्क से जुड़ी 49 परियोजनाओं में 2023-24 तक लगभग 14,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
जोशी ने कहा कि अंतिम छोड़ तक संपर्क परियोजनाओं का मतलब कोयला खदान से डिस्पैच प्वाइंट यानी रवानगी वाले बिंदु तक परिवहन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कोयले की आपूर्ति में दक्षता में सुधार लाने और दो स्थानों के बीच मौजूदा सड़क परिवहन की जगह कम्प्यूटर से संबद्ध लदान व्यवस्था को लागू करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, आने वाले वर्षों में कोयले का उत्पादन बढ़ाने और कोयले के आयात पर निर्भरता घटाने के इरादे से कोल इंडिया ने ‘माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर’ (एमडीओ) मॉडल के माध्यम से परिचालन के लिए कुल 15 नई परियोजनाओं की पहचान की है।
इसमें लगभग 34,600 करोड़ रुपये के निवेश होने का अनुमान है। इसमें वित्त वर्ष 2024 के अंत तक लगभग 17,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है।
बैठक में कोयला सचिव अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल और कोयला मंत्रालय तथा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
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