
रायपुर, 9 मार्च : ऐसे समय में जब अदालती फैसले भी एआई-आधारित चैटबॉट का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं, छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने हिंदी में 100-पृष्ठ का बजट हाथ से लिखकर अपने व्यक्तिगत समर्पण का परिचय दिया है. यह बजट तैयार करने की प्रक्रिया में उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी चौधरी ने राजनीति में आने के लिए नौकरी छोड़ दी थी. चौधरी का मानना है कि जनता की सेवा करने के लिए राजनीति एक बड़ा माध्यम है. चौधरी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए चार मार्च को बजट पेश किया. इससे पहले वह कई दिन तक बजट लिखने में व्यस्त रहे. इस दौरान वह मुश्किल से एकाध घंटे सोते थे. राज्य की वित्तीय योजना और लक्ष्यों के प्रति स्वामित्व और समर्पण की भावना को प्रदर्शित करने वाला यह दुर्लभ कार्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है, खासकर तब जब अधिकांश बजट दस्तावेज आमतौर पर अधिकारियों की एक टीम द्वारा तैयार किए जाते हैं या कंप्यूटर पर टाइप किए जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपना (बजट) भाषण लिख रहा था और मुझे एहसास हुआ कि एक हस्तलिखित दस्तावेज मेरी भावनाओं, मेरे दृष्टिकोण, मेरी प्रतिबद्धता और मेरे लगाव को अधिक व्यक्त करेगा. और इसलिए, मैंने सोचा, मुझे इसे खुद लिखना चाहिए. उन्होंने अपने हस्तलिखित 100-पृष्ठ के दस्तावेज़ को दिखाते हुए कहा कि हाथ से लिखा हुआ यह बजट उनके लगाव और भावनाओं को दर्शाता है.’’ पूरा बजट दस्तावेज लिखने में कितना समय लगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बजट पर 5-6 महीने से काम चल रहा था, लेकिन बजट के हिस्सों पर वास्तविक लेखन प्रस्तुति से लगभग एक सप्ताह या 10 दिन पहले शुरू हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सचमुच चार रात तक (बजट प्रस्तुति से पहले) सोया नहीं था. मैं उन चार रातों में मुश्किल से एक-डेढ़ घंटे सो पाया था. और यही वह समय था जब मैंने बजट लिखा.’’ उन्होंने कहा कि यह कार्य राज्य के वित्त के प्रति उनकी व्यक्तिगत भागीदारी और प्रतिबद्धता को दर्शाता है. शायद यह पहली बार है जब किसी वित्त मंत्री ने विधानसभा में हस्तलिखित वार्षिक बजट पेश किया है. यह भी पढ़ें : Maharashtra: पुणे में ट्रैफिक सिग्नल पर पेशाब करने वाले आरोपी गौरव आहूजा को किया गया गिरफ्तार
यह दर्शाता है कि चौधरी ने इस कार्य में सावधानी के साथ ब्योरे पर विस्तार से ध्यान दिया है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हाथ से लिखा बजट शासन में प्रामाणिकता और पारदर्शिता का प्रतीक है.’’ उन्होंने 1,65,100 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. चौधरी ने कहा कि यह बजट राज्य की तेज आर्थिक उन्नति के लिए रूपरेखा तैयार करता है, जिसमें नक्सली हिंसा प्रभावित बस्तर के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. चौधरी ने कहा कि पिछले वर्ष का बजट जहां ज्ञान (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी) ‘थीम’ पर केंद्रित था, वहीं इस साल के बजट का उद्देश्य ज्ञान के लिए ‘गति’ थीम के तहत राज्य में प्रगति को आगे बढ़ाना है. इसका उद्देश्य अबतक हुई प्रगति को और आगे बढ़ाना है.
उन्होंने कहा कि गति (जीएटीआई) में ‘जी’ का मतलब सुशासन, ‘ए’ का मतलब बुनियादी ढांचे में तेजी, ‘टी’ का मतलब प्रौद्योगिकी और ‘आई’ का मतलब औद्योगिक विकास से है. पिछले वर्ष के बजट ने समावेशी विकास की नींव रखी थी. इस साल के बजट ने उस विकास यात्रा में अगला कदम बढ़ाया गया है. 2005 बैच के आईएएस अधिकारी चौधरी ने भाजपा में शामिल होने के लिए 2018 में रायपुर के कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था. यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्होंने हिंदी विषय का अध्ययन किया था, जिसपर उनकी अच्छी पकड़ थी, जिससे उन्हें अपनी पसंदीदा शैली में बजट लिखने में मदद मिली. उन्होंने कहा, ‘‘अपने नौकरशाही जीवन के 13 वर्षों में मैंने पूरी लगन से काम किया और अपना 100 प्रतिशत दिया. मैं अपने करियर के शिखर पर था... मैं रायपुर राजधानी का कलेक्टर था.’’
उन्होंने याद करते हुए कहा कि उन्हें किस बात ने राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. ’’मेरे दिमाग में एक विचार आया कि भारत में इतना विकास हो रहा है, भारत में इतने अवसर हैं. भारत में इतना कुछ करने के इतने अवसर हैं. इसलिए, मैंने सोचा कि अगर सिविल सेवाओं से बड़ा कोई मंच है तो वह राजनीति है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति नौकरशाह होने की तुलना में लोगों के जीवन पर बड़ा प्रभाव डालने का एक बड़ा माध्यम है. मैंने बचपन में सुना था कि अच्छे लोगों के राजनीति में न आने का नतीजा यह होता है कि बुरे लोग अच्छे लोगों पर शासन करते हैं. इसलिए, मैं इस विचार से प्रेरित हुआ और राजनीति में आने का फैसला किया.’’ चौधरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व से प्रभावित थे और इसलिए राजनीति में आए. वह 2018 में पहला चुनाव हार गए थे, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में वह रायगढ़ से जीते थे.