पटना, 15 अगस्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार अगले साल तक राज्य के युवाओं को 20 लाख नौकरी और रोजगार के अवसर प्रदान करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगी।
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, “हमलोगों ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार का अवसर देने का वादा किया था अभी तक 150563 लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है तथा पांच लाख लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त हो चुका है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दो लाख 86 हजार 461 सरकारी पदों पर नियुक्ति का मामला प्रक्रियाधीन है, तथा तीन लाख 62 हजार 104 नए पदों का सृजन किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमलोगों का लक्ष्य है कि अगले वर्ष तक 10 लाख लोगों को नौकरी और 10 लाख को रोजगार भी मिल जाए।"
मुख्यमंत्री ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, " हमलोग अपने काम में लगे हुए हैं पर दिल्ली वाला तो केवल अपना प्रचार करता है जी। मीडिया पर कब्जा है… केवल अपने प्रचार में लगा रहता है, काम थोड़े ही करता है।"
गांधी मैदान में मौजूद मीडियाकर्मियों की तरफ मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा, "जब एक बार 2024 के बाद देश को मुक्ति मिल जाएगी, तब आजाद रहेगा और जो देखिएगा उसको ठीक ढंग से पहले की तरह छापिएगा।"
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने राज्य के समग्र विकास के लिए कई उपाय किए हैं। हम यह भी जानते हैं कि महिलाओं के बिना समाज का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। इसलिए मैंने प्रदेश में बालिकाओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हमने राज्य में महिलाओं के लिए कम से कम 30 फीसदी नौकरियां आरक्षित करना भी सुनिश्चित किया। देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में पुलिस बल में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है।”
उन्होंने कहा कि वे (महिलाएं) राज्य में कानून और व्यवस्था के कर्तव्य में बहुत अच्छा काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति बनाए रखना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, " बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। राज्य सरकार ने कई जिलों में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोले हैं ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण का सवाल है, हमने केंद्र से मौजूदा दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) को इसमें परिवर्तित करने का अनुरोध किया था। पहले तो केंद्र सरकार ने हमारा प्रस्ताव मान लिया लेकिन बाद में मना कर दिया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बाद में हमने एम्स के लिए दरभंगा में दूसरी जगह जमीन दी...केंद्र ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद, राज्य सरकार ने पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) की तर्ज पर डीएमसीएच के विस्तार का निर्णय किया।”
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