पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को NAB ने किया गिरफ्तार, फर्जी बैंक अकाउंट मामले में हुई कार्रवाई
आसिफ अली जरदारी (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) को फर्जी बैंक अकाउंट्स मामलें में गिरफ्तार किया गया है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर समेत 32 लोगों के खिलाफ फेडरल इन्वेस्टिंग एजेंसी फर्जी खाते के जरिए धन शोधन के मामले की जांच कर रही है.

पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के मुताबिक यह ममाला संदिग्ध लेन-देन में 2015 में हुई जांच से संबंधित है, जिसमें 29 बेनामी खातों की पहचान की गई थी, जिनमें से 16 खाते समिट बैंक में, आठ सिंध बैंक में और पांच युनाइटेड बैंक लिमिटेड में थे. मोटी रिश्वत में प्राप्त धन का इस्तेमाल करने के लिए कथित तौर पर फर्जी खातों का उपयोग किया गया. फर्जी खातों से कुल 35 अरब रुपये (पाकिस्तानी रुपया) के संदिग्ध लेन-देन किए गए थे.

पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष और जरदारी के विश्वस्त हुसैन लवाई, ओम्नी ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन ख्वाजा अनवर मजीद और उनके भाई घानी मजीद और सह-आरोपी व समिट बैंक के प्रमुख ताहा राजा को मामले में पहले ही गिरफ्तार किया गया है.

गौरतलब हो कि जरदारी ने मंगलवार को देश को बचाने और लोगों के कष्ट दूर करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को तत्काल हटाने का आवाह्न किया था. पूर्व राष्ट्रपति ने दौलतपुर में इफ्तार दावत के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि इमरान को अगर जल्द नहीं हटाया गया, तो वे देश को वहां ले जाएंगे जहां हम भी देश को नहीं चला सकेंगे.

समाचार पत्र डॉन ने जरदारी के हवाले से कहा, "मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं, लेकिन वर्तमान सरकार को जरूर हटाना चाहिए. अन्यथा, ज्यादातर लोगों का जीवन नरक बन जाएगा."

पिछले महीने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने आसिफ अली जरदारी को अवैध ठेके देने से जुड़े मामले में अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें 2,00,000 रुपए के मुचलके पर 13 जून तक जमानत प्रदान की गई. एनएबी ने सिंध में एक निजी कंपनी को कथित तौर पर अवैध ठेके देने के मामले में पूछताछ के लिए उन्हें 23 मई को समन किया था.