मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (Jamat-ud-Dawa) के सरगना हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के लिए पाकिस्तान (Pakistan) के दिल कितना प्यार है एक बार फिर से जगजाहिर हो गया. दरअसल हाफिज सईद अपने बैंक अकाउंट को फिर से यूज कर सके, इसके लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के सामने गुहार लगाते हुए पत्र लिखा था. जिसमें पाकिस्तान ने हाफिज के सील किए गए बैंक अकाउंट से हर महीने 1.50 लाख रुपये पेंशन देने बात कही थी. वहीं पाक की इस मांग को संयुक्त राष्ट्र की समिति ने मंजूर भी कर दिया. आतंकियों के फंडिंग मामले में हाफिज समेत कई संगठनों को सील किया गया था.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. उसे 17 जुलाई को आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के एक मामले में गिरफ्तार कर कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है. हाफिज को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्ताव के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. हाफिज सईद नीत जमात-उद-दावा को लश्कर का मुखौटा संगठन माना जाता है जो 2008 के मुंबई हमलों के लिये जिम्मेदार है. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी.
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Pak approaches UNSC to allow release of monthly expenses for terrorist Hafiz Saeed, committee allows request
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— ANI Digital (@ani_digital) September 26, 2019
वैसे पाकिस्तान भले ही बड़ी-बड़ी बाते करता हो लेकिन दुनिया जानती है इन आतंकियों के फलने-फूलने की जिम्मेदारी उनकी सरकार, सेना और ISI मिलकर करती हैं. भारत ने लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के सर्वोच्च कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी और भगोड़े अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है. यह घोषणा बुधवार को जारी एक गजट अधिसूचना के माध्यम से की गई. करीब एक महीना पहले ही संसद द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) कानून में संशोधन को मंजूरी दी गई थी.