![Farmers Protest: लंदन में किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई, देखें वीडियो Farmers Protest: लंदन में किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई, देखें वीडियो](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/12/Lodan-380x214.jpg)
नई दिल्ली: मोदी सरकार (Modi Govt) द्वारा लाये तीनों नए कृषि कानून का आंदोलन पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के साथ ही दूसरे अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा हैं. किसानों की मांग है नहीं माने जाने पर उनका आंदोलन अब धीरे धीरे उग्र होते जा रहा है. हालांकि सरकार हर संभव उन्हें समझाने की कोशिश कर रही हैं कि नए कानून से उन्हें कोई नुकसान होने वाला नहीं है. लेकिन किसान जिद पर अड़े हुए हैं कि उन्हें यह कानून नहीं चाहिए. ऐसे में सरकार इस कानून को रद्द कर दूसरा कोई नया कानून लेकर आए. किसानों का आंदोलन अब तक भारत में देखने को मिल ही रहा था वहीं यह आंदोलन ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका में भी सुनाई देने लगी हैं.
नए कृषि कानून के विरोध में रविवार को ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) के सामने किसान आंदोलन का समर्थन करने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठे हो गए. उच्चायोग के बाहर लोगों का प्रदर्शन को देखते हुए लंदन की पुलिस (London Police) ने वहां स्थित को देखते हुए भारतीय दूतावास की सुरक्षा बड़ा दी हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: UPSRTC ने किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली के लिए स्थगित की सभी बस सेवा
देखें वीडियो:
#WATCH: London Police in full force giving protection to Indian High Commission while protestors raise anti-India slogans and some pro-farmer slogans. pic.twitter.com/AfFbZdhLbX
— ANI (@ANI) December 6, 2020
बता दें कि कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले 26 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार हाल के दिनों में लाये तीनों कानून को वापस लें. क्योंकि सरकार के इस कानून से उन्हें फायदा होने वाला नहीं हैं. हालांकि सरकार द्वारा लाये तीनों क़ानून से किसानों को नुकसान नहीं होने वाला है. सरकार उन्हें हर संभव समझाने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन किसान अपने जिद पर अड़े हुए हैं. किसानों का कहना है कि सरकार जब तक इन तीनों कानून को वापस नहीं लेगी. तब तक उनका आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा. किसानों ने तो अब अपनी मांगों को लेकर उग्र होते हुए 8 दिसंबर को भारत बुलाया है.