![तो क्या अब इमरान खान सरकार के तख्तापलट की तैयारी में जुट गई है PAK आर्मी, वर्दी छोड़ सेना प्रमुख बाजवा बिजनेस मीटिंग में व्यस्त तो क्या अब इमरान खान सरकार के तख्तापलट की तैयारी में जुट गई है PAK आर्मी, वर्दी छोड़ सेना प्रमुख बाजवा बिजनेस मीटिंग में व्यस्त](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/10/2019-10-03-1-7-380x214.jpg)
कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) की हालत खराब है. इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है. लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान कश्मीर का राग अलाप रहा है. दुनिया के हर मंच पर नाकामी हासिल करने वाले पाकिस्तान में घमासान मचा हुआ है. इमरान को जम्मू-कश्मीर मिली पठखनी के बाद उनकी जमकर आलोचना भी हुई. वर्तमान में पाकिस्तान की विकास दर सिर्फ 2% है और बजट घाटा 8.9% हो चुका है. जो कि 30 साल में सबसे अधीक है. वहीं नवंबर में ब्लैक लिस्ट भी हो सकता है. पाकिस्तानी सेना पीएम इमरान खान के काम से खुश नजर नहीं आ रही है. वहीं जनरल बाजवा (Qamar Javed Bajwa) के निर्देश पर यहां की पाकिस्तानी सेना की 111 ब्रिगेड की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. ऐसा फैसला तब लिया जाता है जब पाक की सत्ता पर सेना काबिज होना चाहती है.
इसी बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) का के वीडियो सामने आया है. जिसमें वर्दी उतारकर सूट-बूट में नजर आए. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची और रावलपिंडी स्थित सैन्य दफ्तरों पाक की अर्थव्यवस्था को लेकर व्यापारियों के साथ तीन बड़ी बैठक किया. जिसके बाद पाक मीडिया और जानकार इसे तख्तापलट का संकेते मानने लगे हैं. अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के लिए यह को नई बात नहीं होगी. इससे पहले भी पाकिस्तान पहले ही कई बार सैन्य शासन से गुजर चुका है. जो 1958, 1969, 1977 और 1999 में हुआ था.
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वैसे तो पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने गुरुवार को इस बैठक की जानकारी दी और एक प्रेस नोट जारी किया था. जिसके अनुसार पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने देश के कारोबारियों से कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा के हालात बेहतर होने से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार के लिए परिस्थितियां पहले से अच्छी हुईं हैं. देश के नामचीन कारोबारियों को संबोधित कर रहे थे। वह ‘अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के बीच संबंध’ पर सेमिनार और वार्ताओं की एक श्रृंखला के समापन पर बोल रहे थे.
Sequel to discussions and seminars on ‘Interplay of economy and security’, a concluding session of stake holders hosted by COAS was held at Army Auditorium. Govt economic team and businessmen of the country participated. (1of2). pic.twitter.com/zbwf8kL3WR
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) October 3, 2019
गौरतलब हो कि मौजूदा समय में पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद ख़राब स्थिति में है. हाल ही में पेश किए गए बजट में भी इमरान सरकार ने कई चीजों में पैसों की कटौती की. इसके साथ ही वहां की सरकार जनता से अधिक से अधिक टैक्स देने और कालाधन बताने की अपील कर रही है.
पाकिस्तान में मंहगाई भी चरम पर है. कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने अधिकारियों को उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, जो खाद्य सामग्री की जमाखोरी और अनुचित मूल्य वृद्धि जैसे काम कर रहे थे. बढ़ती मंहगाई के कारण पाकिस्तान की जनता भी काफी परेशान हैं. स्वतंत्र संगठनों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में खुलसा हुआ था कि मंहगाई की मार के चलते लोग स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विषयों पर कटौती करने को मजबूर हो गए हैं.