बस-ट्रेन की हड़ताल से जर्मनी परेशान

जर्मनी में आज सार्वजनिक परिवहन की हड़ताल है.

विदेश Deutsche Welle|
बस-ट्रेन की हड़ताल से जर्मनी परेशान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी में आज सार्वजनिक परिवहन की हड़ताल है. स्थानीय ट्रैम, बस के साथ ही लंबी दूरी की रेल सेवाओं पर भी इसका बुरा असर दिख रहा है. देश में बहुत से लोग आज घरों में बैठने के लिए मजबूर हैं.सोमवार सुबह से शुरतस्वीर" title="BREAKING: सिद्धू मूसेवाला के घर फिर गूंजी किलकारी, मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म, देखें पहली तस्वीर" /> BREAKING: सिद्धू मूसेवाला के घर फिर गूंजी किलकारी, मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म, देखें पहली तस्वीर

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बस-ट्रेन की हड़ताल से जर्मनी परेशान

जर्मनी में आज सार्वजनिक परिवहन की हड़ताल है.

विदेश Deutsche Welle|
बस-ट्रेन की हड़ताल से जर्मनी परेशान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी में आज सार्वजनिक परिवहन की हड़ताल है. स्थानीय ट्रैम, बस के साथ ही लंबी दूरी की रेल सेवाओं पर भी इसका बुरा असर दिख रहा है. देश में बहुत से लोग आज घरों में बैठने के लिए मजबूर हैं.सोमवार सुबह से शुरू हुई हड़ताल में 30,000 से ज्यादा रेलवे कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे हैं. 24 घंटे तक चलने वाली इस हड़ताल के कारण जर्मनी के 16 राज्यों में लंबी दूरी के साथ ही रीजनल ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं. जर्मनी के लगभग सभी एयरपोर्ट भी इस हड़ताल में शामिल हैं. यहां तक कि बसें और जलमार्गों भी हड़ताल का असर होगा.

हड़ताल का असर

मजदूर यूनियन वेर्डी और ईवीजी के यूनियनों की बुलाई इस सामूहिक हड़ताल से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को स्कूल, कॉलेज, दुकान और दफ्तर जाने के लिए साइकिल, स्कूटर, कार या टैक्सी का सहारा लेना पड़ा है. मांग अत्यधिक होने की वजह से टैक्सी भी काफी इंतजार के बाद मिल रही है.

सड़कों पर लंबे लंबे ट्रैफिक जाम है और इस वजह से भी काफी दिक्कत हो रही है. हड़ताल का असर सामान की ढुलाई पर भी पड़ा है. सप्लाई की दिक्कत को थोड़ा कम करने लिए परिवहन मंत्री ने रविवार को भी ट्रकों से ढुलाई करने के निर्देश राज्य सरकारों को दिये थे.

सरकारी रेल कंपनी डॉयचे बान ने तो लंबी दूरी की सभी ट्रेनें एक दिन के लिए बंद कर दी हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय और स्थानीय सेवाएं भी बंद रहेंगी. बर्लिन के बाहर की एयरपोर्ट सेवाएं और विमान यात्रा पर भी इससे प्रभावित होंगी. जर्मन एयरपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल की वजह से 3,80,000 यात्रियों पर असर पड़ने की बात कही है.

जर्मनी के बड़े एरपोर्ट बंद, कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द

मजदूर संगठनों की मांग

हड़ताल करने वाले कर्मचारी बढ़ती महंगाई की वजह से परेशान हैं और वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वेर्डी के प्रमुख फ्रांक वेर्नेके ने मीडिया से बातचीत में कहा, "जिस मजदूर संघर्ष में असर ना हो उसकी कोई अहमियत नहीं." वेर्नेके ने माना कि बहुत से यात्रियों और सैलानियों को इससे दिक्कत होगी, "लेकिन वेतन को लेकर सहमति पर पहुंचने की संभावना के साथ एक दिन का ताना कई हफ्तों की औद्योगिक कार्रवाई से बेहतर है." वेर्डी करीब 25 लाख कर्मचारियों और ईवीजी 2.3 लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. राज्य सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियां इनकी मांग मानने से इनकार कर रही हैं. उनका कहना है कि एकमुश्त 1000 और 1500 यूरो की दो बार भुगतान और वेतन में पांच फीसदी बढ़ोत्तरी की जा सकती है. दूसरी तरफ वेर्डी मासिक वेतन में 10.5 फीसदी जबकि ईवीजी 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं.

डॉयचे बॉन के मानव संसाधन अधिकारी मार्टिन साइलर ने देशव्यापी हड़ताल को "गैरजरूरी और बेबुनियाद" बताते हुए मजदूर संघों से बातचीत की टेबल पर "तत्काल" लौटने को कहा है. कंपनियों के प्रबंधकों का कहना है कि वेतन बढ़ाने से महंगाई की समस्या और बड़ी होगी.

युद्ध का असर

यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यूरोप के दूसरे देशों की तरह जर्मनी भी महंगाई की समस्या से जूझ रहा है. फरवरी में महंगाई की दर 8.7 फीसदी थी. ईंधन और खाने पीने के चीजों की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं और इसका असर दूसरी जगहों पर भी हो रहा है. बीते हफ्तों में कई बार इस तरह की हड़ताल हुई है हालांकि तब इसे अलग अलग क्षेत्रों में बांटा गया था. इस बार पूरे देश में एक साथ हड़ताल हो रही है, स्थानीय मीडिया इसे "मेगा स्ट्राइक" नाम दे रहा है.

हड़ताल करने वालों का कहना है कि महंगाई इतनी ज्यादा है कि वो अपना खर्च नहीं चला पा रहे हैं. सिविल सर्विस फेडरेशन की उलरिष सिल्बरबाख ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "वास्तविक आमदनी में हमने गिरावट देखी है और उसे संतुलित करने की जरूरत है." उन्होंने यह भी बताया कि यूनियन से जुड़े बड़े शहरों में रहने वाले कुछ लोगों को घर का किराया देन के लिए सरकारी मदद की जरूरत पड़ रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि कंपनियां आने वाले दौर की बातचीत में अपना प्रस्ताव सुधारेंगी. ऐसा नहीं होने पर अनिश्चितकाल के लिए भी हड़ताल की आशंका से भी उन्होंने इनकार नहीं किया है.

एनआर/एए (एएफपी, एपी, डीपीए)

सड़कों पर लंबे लंबे ट्रैफिक जाम है और इस वजह से भी काफी दिक्कत हो रही है. हड़ताल का असर सामान की ढुलाई पर भी पड़ा है. सप्लाई की दिक्कत को थोड़ा कम करने लिए परिवहन मंत्री ने रविवार को भी ट्रकों से ढुलाई करने के निर्देश राज्य सरकारों को दिये थे.

सरकारी रेल कंपनी डॉयचे बान ने तो लंबी दूरी की सभी ट्रेनें एक दिन के लिए बंद कर दी हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय और स्थानीय सेवाएं भी बंद रहेंगी. बर्लिन के बाहर की एयरपोर्ट सेवाएं और विमान यात्रा पर भी इससे प्रभावित होंगी. जर्मन एयरपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल की वजह से 3,80,000 यात्रियों पर असर पड़ने की बात कही है.

जर्मनी के बड़े एरपोर्ट बंद, कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द

मजदूर संगठनों की मांग

हड़ताल करने वाले कर्मचारी बढ़ती महंगाई की वजह से परेशान हैं और वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वेर्डी के प्रमुख फ्रांक वेर्नेके ने मीडिया से बातचीत में कहा, "जिस मजदूर संघर्ष में असर ना हो उसकी कोई अहमियत नहीं." वेर्नेके ने माना कि बहुत से यात्रियों और सैलानियों को इससे दिक्कत होगी, "लेकिन वेतन को लेकर सहमति पर पहुंचने की संभावना के साथ एक दिन का ताना कई हफ्तों की औद्योगिक कार्रवाई से बेहतर है." वेर्डी करीब 25 लाख कर्मचारियों और ईवीजी 2.3 लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. राज्य सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियां इनकी मांग मानने से इनकार कर रही हैं. उनका कहना है कि एकमुश्त 1000 और 1500 यूरो की दो बार भुगतान और वेतन में पांच फीसदी बढ़ोत्तरी की जा सकती है. दूसरी तरफ वेर्डी मासिक वेतन में 10.5 फीसदी जबकि ईवीजी 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं.

डॉयचे बॉन के मानव संसाधन अधिकारी मार्टिन साइलर ने देशव्यापी हड़ताल को "गैरजरूरी और बेबुनियाद" बताते हुए मजदूर संघों से बातचीत की टेबल पर "तत्काल" लौटने को कहा है. कंपनियों के प्रबंधकों का कहना है कि वेतन बढ़ाने से महंगाई की समस्या और बड़ी होगी.

युद्ध का असर

यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यूरोप के दूसरे देशों की तरह जर्मनी भी महंगाई की समस्या से जूझ रहा है. फरवरी में महंगाई की दर 8.7 फीसदी थी. ईंधन और खाने पीने के चीजों की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं और इसका असर दूसरी जगहों पर भी हो रहा है. बीते हफ्तों में कई बार इस तरह की हड़ताल हुई है हालांकि तब इसे अलग अलग क्षेत्रों में बांटा गया था. इस बार पूरे देश में एक साथ हड़ताल हो रही है, स्थानीय मीडिया इसे "मेगा स्ट्राइक" नाम दे रहा है.

हड़ताल करने वालों का कहना है कि महंगाई इतनी ज्यादा है कि वो अपना खर्च नहीं चला पा रहे हैं. सिविल सर्विस फेडरेशन की उलरिष सिल्बरबाख ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "वास्तविक आमदनी में हमने गिरावट देखी है और उसे संतुलित करने की जरूरत है." उन्होंने यह भी बताया कि यूनियन से जुड़े बड़े शहरों में रहने वाले कुछ लोगों को घर का किराया देन के लिए सरकारी मदद की जरूरत पड़ रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि कंपनियां आने वाले दौर की बातचीत में अपना प्रस्ताव सुधारेंगी. ऐसा नहीं होने पर अनिश्चितकाल के लिए भी हड़ताल की आशंका से भी उन्होंने इनकार नहीं किया है.

एनआर/एए (एएफपी, एपी, डीपीए)

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राजनीति XB0aW9uIHJkZjphYm91dD0iIiB4bWxuczp4bXBNTT0iaHR0cDovL25zLmFkb2JlLmNvbS94YXAvMS4wL21tLyIgeG1sbnM6c3RSZWY9Imh0dHA6Ly9ucy5hZG9iZS5jb20veGFwLzEuMC9zVHlwZS9SZXNvdXJjZVJlZiMiIHhtbG5zOnhtcD0iaHR0cDovL25zLmFkb2JlLmNvbS94YXAvMS4wLyIgeG1wTU06RG9jdW1lbnRJRD0ieG1wLmRpZDpCOTAzNzdENUZCNkQxMUU3QTVBQUVBMDc4NUNENzEyNyIgeG1wTU06SW5zdGFuY2VJRD0ieG1wLmlpZDpCOTAzNzdENEZCNkQxMUU3QTVBQUVBMDc4NUNENzEyNyIgeG1wOkNyZWF0b3JUb29sPSJBZG9iZSBQaG90b3Nob3AgQ0MgMjAxNyAoV2luZG93cykiPiA8eG1wTU06RGVyaXZlZEZyb20gc3RSZWY6aW5zdGFuY2VJRD0ieG1wLmlpZDo4MkZFOTlDNUY1RjgxMUU3QTk0MkQ2MzJCQzdFNDE2RiIgc3RSZWY6ZG9jdW1lbnRJRD0ieG1wLmRpZDo4MkZFOTlDNkY1RjgxMUU3QTk0MkQ2MzJCQzdFNDE2RiIvPiA8L3JkZjpEZXNjcmlwdGlvbj4gPC9yZGY6UkRGPiA8L3g6eG1wbWV0YT4gPD94cGFja2V0IGVuZD0iciI/PgH//v38+/r5+Pf29fTz8vHw7+7t7Ovq6ejn5uXk4+Lh4N/e3dzb2tnY19bV1NPS0dDPzs3My8rJyMfGxcTDwsHAv769vLu6ubi3trW0s7KxsK+urayrqqmop6alpKOioaCfnp2cm5qZmJeWlZSTkpGQj46NjIuKiYiHhoWEg4KBgH9+fXx7enl4d3Z1dHNycXBvbm1sa2ppaGdmZWRjYmFgX15dXFtaWVhXVlVUU1JRUE9OTUxLSklIR0ZFRENCQUA/Pj08Ozo5ODc2NTQzMjEwLy4tLCsqKSgnJiUkIyIhIB8eHRwbGhkYFxYVFBMSERAPDg0MCwoJCAcGBQQDAgEAACH5BAEAAAcALAAAAAAQA7kBAAP/eLrc/jDKSau9OOvNu/9gKI5kaZ5oqq5s675wLM90bd94ru987//AoHBILBqPyKRyyWw6n9CodEqtWq/YrHbL7Xq/4LB4TC6bz+i0es1uu9/wuHxOr9vv+Lx+z+/7/4CBgoOEhYaHiImKi4yNjo+QkZKTlJWWl5iZmpucnZ6foKGio6SlpqeoqaqrrK2ur7CxsrO0tba3uLm6u7y9vr/AwcLDxMXGx8jJysvMzc7P0NHS09TV1tfY2drb3N3e3+Dh4uPk5ebn6Onq6+zt7u/w8fLz9PX29/j5+vv8/f7/AAMKHEiwoMGDCBMqXMiwocOHECNKnEixosWLGDNq3Mix/6PHjyBDihxJsqTJkyhTqlzJsqXLlzBjypxJs6bNmzhz6tzJs6fPn0CDCh1KtKjRo0iTKl3KtKnTp1CjSp1KtarVq1izat3KtavXr2DDih1LtqzZs2jTql3Ltq3bt3Djyp1Lt67du3jz6t3Lt6/fv4ADCx5MuLDhw4gTK17MuLHjx5AjS55MubLly5gza97MubPnz6BDix5NurTp06hTq17NurXr17Bjy55Nu7bt27hz697Nu7fv38CDCx9OvLjx48iTK1/OvLnz59CjS59Ovbr169iza9/Ovbv37+DDix9Pvrz58+jTq1/Pvr379/Djy59Pv779+/jz69/Pv7////8ABijggAQWaOCBCCao4IIMNujggxBGKOGEFFZo4YUYZqjhhhx26OGHIIYo4ogklmjiiSimqOKKLLbo4ouLFSDjjDTWaOONOOZYI4y9zBjAAAQIIOSQRBZp5JFICkDAkgQMEMCMPObiY5EAVGnllVhmqeWWWg4AZZS1yDgAlQJwaeaZaAIggIxg0iJmkmnGKaeabLYJi4wGwFnmnHxy6WUBdr7yZpJ79mkolnUGykoBeRIqpJqHRvqkoq0w6uiQkUbqJaWLBnBpmYVmOuemnKpSgKefgirqnAQAWmoqpyKZJaarxtnqq7CiWiSTvIL6qJVK8rpkqFsKO+yVt+J6Sqz/Rhpgo6qhrmmjAWc+aSMByLqqbCmnBlmkszViS+SVf9Y4gJ83BoBlstuSEqu3Q4JLo6+PFirvvFveSO262rYryrvfXqsmrVa2Oq2W1oabJbv+htJtkPDeK6O4VFqZMI3nZmujugv32/AnDw8rpMQFwGuklThiSXIBxFbJ8MeehKzkyAKfrGq5NHIMwMUzZtwxzA4HICzN4RJq8Y3YGlzjvlq+DPQmIUd87aV0HszzxFw6/XQmUQ9LsslHHj1tumZqvfUlXSv59adVrnzjmWafXUnaBKztKKQ45+hzsR7LjbbQxtpN9c46Mopm3H5L0vWSglMtbY7Ywt134pQsXvfU/6mWmXfOaSJO+SOWNz74ykxL/jkmoWOeOQCbF7B32ZOfDknqRWeu+Y2vZx277I7QTiPYVLeeO9+8zw24sGsDD6fwtu5e/CKnAom86qmyjnvzz0/SrfRMJr868507nz0i0TfJK8kGpK/++urreruNwzct/viGRA8k924XzjKm4B8+P/2EsB/3Lqe/aY2rf6YDYO9+NIAGSi9/OmrUoxAIOwUu0IH4K6AB+Xe98FmwEQLEIAR1dMAO+u+DjAhhAwkQgBa68IUwjOGuYvgjSCUQhYlQ4QqNxUPbYYlgWyIVDslnAAxikIdIVN7q0DXEHLrOiEdMYg9tB0QsTaqJhxATFP8daD4pMmlmPmwZyv6HRT3gaYtcHKAXwUjFLP2pjFl8Ihq76EWRtZFY0oIj+eSIRjXWkYqqqpoe96jDNNZxWBADpPUSNcj6yYiBfTyiH/8IPCd9qZFO1KAmN3lJTHryk6AMpShHScpSmvKUqEylKlfJyla68pWwjKUsZ0nLWtrylrjMpS53ycte+vKXwAymMIdJzGIa85jITKYyl8nMZjrzmdCMpjSnSc1qWvOa2MymNrfJzW5685vgDKc4x0nOcprznOhMpzrXyc52uvOd8IynPOdJz3ra8574zKc+98nPfvrznwANqEAHStCCGvSgCE2oQhfK0IY69KEQjahEJ0qH0Ypa9KIYzahGN8rRjnr0oyANqUhHStKSmvSkKE2pSlfK0pa69KUwjalMZ0rTmtr0pjjNqU53ytOe+vSnQA2qUIdK1KIa9ahITapSl8rUpjr1qVCNqlSnStWqWvWqWM2qVrfK1a569atgDatYx0rWspr1rGhNq1rXyta2uvWtcI2rXOeKwwQAADs=" alt="VIDEO: हाथों के बल उल्टे चढ़कर 34 पहाड़ों के शिखर पर पहुंचा शख्स, 50 पर्वतों की चढ़ाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयार">
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