कंगाल पाकिस्तान को लगा 2019 का बड़ा झटका,  FATF  ने ब्लैक लिस्ट में डाला PAK का नाम
इमरान खान (Photo Credits: Facebook)

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की इकाई ने एशिया पेसिफिक ग्रुप (APG) ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट की सूची में डाल दिया है. पाकिस्तान ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं किया. एफएटीएफ एपीजी बैठक ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में आयोजित की गई थी और दो दिन में करीब सात घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली. घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी ने बताया, एपीजे ने पाकिस्तान को मानकों पर खरा नहीं उतरने की वजह से ईईएफयू लिस्ट (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया. आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराना और धन शोधन के 11 प्रभावी मानकों में से पाकिस्तान 10 में खरा नहीं उतर पाया.

उत्तर कोरिया, ईरान के बाद पाकिस्तान को तीसरा देश ब्लैक लिस्ट में शामिल हो गया है. पाई-पाई को तरस रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नए कर्ज की तलाश में दुनिया में भ्रमण कर रहे है. ऐसे में इस तरह का फैसला पाकिस्तान के लिए किसी सदमे से कम नहीं है. बता दें कि पाकिस्तान ने वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) को अपनी 27 सूत्री कार्य योजना पर अनुपालन रिपोर्ट सौंप दी है कुछ दिनों पहले ही सौंपी थी. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर बाकिर रजा की अगुवाई में पाकिस्तान द्वारा पेश आकलन 23 अगस्त को समाप्त होना था.

बता दें कि पेरिस स्थित एफएटीएफ ने 22 जून को पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने में विफल रहने के कारण अपनी 'ग्रे' लिस्ट में रखने का फैसला किया था. अंतराष्ट्रीय आर्थिक कार्रवाई दल- एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्री कार्य योजना लागू करने के लिए सितंबर तक का समय दिया था. लेकिन पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अंतकी फंडिंग पर नकेल कसने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए.

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एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर अपने कड़े फैसले से पहले पिछले महीने अमेरिका के फ्लोरिडा में बैठक की थी. तब एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा था कि वह अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद तथा आतंकी वित्त पोषण (टेरर फंडिंग) संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय कदम उठाए.

इसी कड़ी में संस्था ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की देश में गतिविधियों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा है. शायद इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान ने बुधवार को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ टेरर फंडिंग के आरोप में केस दर्ज किया.