नई दिल्ली: एक तरफ पड़ोसी देश पाकिस्तान जहां कश्मीर मुद्दे पर आए दिन भारत के सामने खड़ा हो जाता है वहीं दूसरी ओर पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के ही खिलाफ नारेबाजी हो रही है. रविवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आए कार्यकर्ता बाग जिले में इकट्ठा हुए और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक विरोध रैली निकालते हुए अवैध और सशक्त व्यवसाय को खत्म करने की मांग की. रैली में कार्यकर्ताओं ने बांध और दूसरी परियोजनाओं को लेकर पाक के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी चिंताएं जाहिर की.
इस प्रदर्शन का आयोजन यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के दो दिवसीय सम्मेलन के रूप में हुआ था. यूकेपीएनपी के पूर्व विदेशी मामलों के केंद्रीय सचिव जमील मकसूद ने मीडिया को बताया कि प्रदर्शनकारी पाकिस्तान की सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह गिलगित बलिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के दूसरे इलाकों में हो रहे बांध निर्माण कार्य को रोक दें. यह भी पढ़ें- PAK सरकार को अफरीदी की नसीहत- पहले अपना घर संभालो, फिर करो कश्मीर की चिंता
Activists from various parts of Pakistan occupied Kashmir (PoK) who have gathered in Bagh district, took out a protest rally demanding an end to Pakistan's illegal occupation in the region pic.twitter.com/rH4gfYllnQ
— ANI (@ANI) November 18, 2018
विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांध और अन्य परियोजनाओं के निर्माण के कारण पीओके और गिलगित बलिस्तान में गंभीर पर्यावरणीय चिंताओं को लेकर अपनी आवाज उठाई. नीलम-झेलम नदी को मोड़ने के कारण गंभीर पर्यवरणीय प्रभाव पड़ा है जिसका खामियाजा मुजफ्फराबाद के लोगों को उठाना पड़ रहा है. पाकिस्तान ऐसे बांध बना रहा है जिसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है. यह भी पढ़ें- कंगाल पाकिस्तान की फिर खुली पोल, 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे नहीं जा पा रहे हैं स्कूल
CPEC is not a pro people project; it is a pro military project. It has a strategic interest, it isn’t to develop local people of Gilgit-Baltistan or Balochistan. We demand that this project be immediately stopped: Jamil Maqsood, PoK Activist pic.twitter.com/ekSXHFtrRz
— ANI (@ANI) November 18, 2018
मकसूद ने कहा, 'पार्टी के नेतृत्व में भी पाकिस्तान सरकार के रावलकोट, कोटली, बाग, नीलम, मुजफ्फराबाद और दूसरे क्षेत्रों में हो रहे राज्य विषय नियमों का उल्लंघन करके यहां कि जमीन को अपने सेवानिवृत्त जवानों, नौकरशाहों और व्यवसायियों को दे रहे हैं और इसमें स्वदेशी लोगों को अलग रखा जा रहा है.
बता दें कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या सीपीईसी चीन का महत्वकांक्षी प्रॉजेक्ट है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित इलाको से होकर गुजरता है. भारत इस प्रॉजेक्ट का विरोध करता है क्योंकि यह पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है. भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता की अनदेखी है. यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा.