कोरोना वायरस से गिरेगी पाकिस्तान की विकास दर, गहरा सकता है आर्थिक संकट: विश्व बैंक
कोरोना वायरस का कहर (फाइल फोटो )

इस्लामाबाद: कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद निर्माण और सेवा क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के कारण पाकिस्तान को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। विश्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना से पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के कारण पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर लगभग एक फीसदी तक गिर सकती है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक ऋणदाता ने यह भी कहा कि देश का बजट घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो फीसदी से भी अधिक बढ़ेगा. इसका मतलब यह है कि आय और व्यय के बीच बजट घाटे का अंतर सकल घरेलू उत्पाद के 10 फीसदी के करीब होगा। जबकि कोरोना के प्रकोप से पहले इसका अनुमान 7.6 फीसदी ही था.

विश्व बैंक ने शुक्रवार को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करने के लिए 20 करोड़ डॉलर के ऋण को भी मंजूरी दी. इसके साथ ही बैंक ने कहा कि वह इस्लामाबाद के लिए पहले से आरक्षित 6.5 अरब डॉलर में से फिलहाल एक अरब डॉलर से अधिक मुहैया कराने के लिए बातचीत की प्रक्रिया में है. विश्व बैंक के स्थानीय कार्यालय ने एक वीडियो कॉन्फ्रें स में हालिया आर्थिक मूल्यांकन साझा किया. समान विकास, वित्त और संस्थानों से संबंधित मामले में विश्व बैंक के प्रोग्राम लीडर शबीह अली मोहिब ने कहा कि महामारी के कारण मौजूदा स्थिति अगले छह महीनों तक जारी रहेगी, जिसका अर्थ है कि चालू वित्तवर्ष की आखिरी तिमाही और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही इससे काफी प्रभावित होगी. यह भी पढ़े: Coronavirus: पीएम इमरान खान की बढ़ सकती है मुश्किल, कोरोना वायरस के चलते पाकिस्तान में बेरोजगार हो सकते हैं 1 करोड़ 85 लाख

उन्होंने कहा, "मार्च के बाद से आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के कारण हम मौजूदा वित्तवर्ष में अपनी संभावित जीडीपी विकास दर को संशोधित करते हुए 1.1 फीसदी तय कर रहे हैं, जोकि पहले 2.4 फीसदी तय की गई थी. कोरोना के प्रकोप के कारण रुकी तमाम आर्थिक गतिविधियों से सेवा और विनिर्माण क्षेत्र पर गहरा असर पड़ा है, जोकि कुल आर्थिक गतिविधियों में 80 फीसदी का योगदान करती है। यही वजह है कि पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहराने का खतरा मंडरा रहा है.

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देशभर में लॉकडाउन लगाए जाने के सवाल पर कहा था कि उनका देश पूर्ण रूप से बंद को वहन नहीं कर पाएगा, जिसके देश की कार्यप्रणाली आर्थिक रूप से पटरी से उतर जाएगी.