नई दिल्ली: टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI जल्द ही कॉलर्स के KYC बेस्ड मैकेनिज्म लागू करने जा रहा है. इसके लागू होने के बाद आपके मोबाइल में अगर कोई नंबर सेव नहीं होगा और उस नए नंबर से कॉल आएगा तो नंबर के साथ कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगा. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉलर द्वारा प्रस्तुत किए गए नो योर कस्टमर (केवाईसी) डेटा के आधार पर नाम जोड़ा जाएगा. Jio ने बेंगलुरु-हैदराबाद में शुरू की 5G सेवाएं, ग्राहकों को मिलेगा हाइ स्पीड डेटा
ट्राई के केवाईसी बेस्ड सर्विस शुरू करने से मोबाइल उपभोक्ता को 100 फीसदी सही जानकारी मिल पाएगी. केवाईसी डेटा अधिकारियों को यह पता लगाने में मदद करेगा कि मोबाइल कंपनियों ने सिम कार्ड देने से पहले वेरिफिकेशन की प्रक्रिया सही तरीके से फॉलो किया है. अगर, शॉर्टकट का सहारा लिया है तो कॉलर की वास्तविक पहचान नहीं हो पाएगी. इसके बाद उस कंपनी के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी.
ट्राई मोबाइल कॉल के अलावा व्हाट्सएप कॉल को भी इसके दायरे में लाना चाहती है. हालांकि, इसकी प्रक्रिया बाद में शुरू की जाएगी. चूंकि मैसेजिंग ऐप सिम कार्ड से जुड़ा हुआ है, इसलिए उपयोगकर्ता के फोन नंबर और व्हाट्सएप अकाउंट के बीच एक लिंक होता है.
जानकारों के मुताबिक इस फीचर के शुरू होने के बाद यूजर्स फर्जी कॉल्स से बच सकेंगे. इस फीचर के शुरू होने पर कॉलर का नाम टेलीकॉम कंपनियों द्वारा किए गए KYC के मुताबिक फोन स्क्रीन पर नजर आएगा, यानी जिसके नाम पर सिम कार्ड होगा, उसी का नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा.
अभी तक, Truecaller जैसे एप्लिकेशन कॉल करने वाले की पहचान प्रदान करते हैं, लेकिन क्योंकि Truecaller द्वारा एकत्र किया गया डेटा क्राउडसोर्सिंग पर आधारित है, इसलिए डेटा की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं हो पाती है. एफई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विचार-विमर्श के बाद ट्राई अपनी सिफारिशें दूरसंचार विभाग को सौंपेगा, जो अंतिम फैसला लेगा.