Sea Level Rise Threat: महाप्रलय की आहट! समुद्र में डूबने वाले हैं दुनिया के कई बड़े शहर? तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
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Sea Level Rise Threat: जिनेवा स्थित विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत,चीन, बांग्लादेश और नीदरलैंड वैश्विक स्तर पर समुद्री जल स्तर में वृद्धि के उच्चतम खतरे का सामना कर रहे हैं.

दुनिया के कई बड़े शहरों पर डूबने का खतरा

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट ग्लोबल सी लेवल राइज एंड इम्पलिकेशन में कहा गया है कि विभिन्न महाद्वीपों के कई बड़े शहर समुद्री जल स्तर में वृद्धि के कारण डूबने के खतरे का सामना कर रहे हैं. इनमें शंघाई, ढाका, बैंकॉक, जकार्ता, मुंबई, मापुटो, लागोस, काहिरा, लंदन, कोपनहेगन, न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, ब्यूनस आयर्स, सैंटियागो शामिल हैं. ये भी पढ़ें- Turkey-Syria Earthquake Update: तुर्की में भूकंप से मरने वालों की संख्या 31 हजार के पार

कितना बढ़ा समुद्र का जलस्तर ?

केवल इतना ही नहीं, WMO ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 1901 और 2018 के बीच वैश्विक औसत समुद्र स्तर में 0.20 मीटर की वृद्धि हुई वहीं 2006 और 2018 के बीच प्रतिवर्ष 3.7 मिलीमीटर की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार समुद्र के स्तर में वृद्धि पूरे विश्व में एक समान नहीं है और क्षेत्रीय रूप से भिन्न होती है. हालांकि समुद्र का स्तर लगातार बढ़ रहा है.

जलवायु परिवर्तन से बढ़ा जोखिम

इसी वजह से समुद्री किनारों पर बसे शहरों, बस्तियों के जलमग्न होने का खतरा मंडरा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन सूखे, बाढ़ और गर्मी की तीव्रता और गंभीरता में वृद्धि करेगा. समुद्र के स्तर में निरंतर वृद्धि से खाद्य सुरक्षा के लिए भी जोखिम बढ़ जाएगा.

WMO के बारे में...

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) 193 सदस्य राज्यों और क्षेत्रों की सदस्यता के साथ एक अंतर सरकारी संगठन है. इसकी उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है, जिसकी जड़ें 1873 वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कांग्रेस से जुड़ी हैं. 23 मार्च 1950 को WMO कन्वेंशन के अनुसमर्थन द्वारा स्थापित, WMO एक साल बाद मौसम विज्ञान (मौसम और जलवायु), परिचालन जल विज्ञान और संबंधित भू-भौतिकीय विज्ञान के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी बन गई. इसका सचिवालय, जिनेवा में स्थित है जिसका कार्य महासचिव की देखरेख में होता है. WMO के महासचिव को विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस द्वारा 8 साल के अधिकतम कार्यकाल के साथ चार साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है. सचिवालय के समग्र तकनीकी और प्रशासनिक कार्यों के लिए महासचिव जिम्मेदार होता है. WMO की सर्वोच्च निकाय विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस है.