
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 ने लॉन्चिंग के बाद पहली बार अपने एलआई4 कैमरे द्वारा पृथ्वी की बेहद खूबसूरत तस्वीरें भेजी हैं. इन तस्वीरों को इसरो ने रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया. इसरो की ओर ट्वीट की गई पहली तस्वीर के कैप्शन में लिखा है- 'चंद्रयान 2 में VikramLander द्वारा क्लिक की गई पृथ्वी की सुंदर तस्वीरों का पहला सेट 3 अगस्त, 2019 17:28 UT पर # चंद्रयान 2 LI4 कैमरा द्वारा क्लिक की गई पृथ्वी.
अंतरिक्ष से हमारी पृथ्वी की झलक कैसी दिखती है वह तस्वीरों में नजर आ रहा है. धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है. लैंडर-विक्रम 6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान यथावत प्रयोग शुरू करेगा. इसरो के मुताबिक 29 जुलाई 2018 को चंद्रयान-2 ने धरती की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था. कक्षा में परिवर्तन के लिए चंद्रयान में मौजूद प्रोपेलिंग सिस्टम का 989 सेकेंड तक इस्तेमाल किया गया.
एक नजर डालिए इस खुबसूरत तस्वीर पर-
Earth as viewed by #Chandrayaan2 LI4 Camera on August 3, 2019 17:34 UT pic.twitter.com/1XKiFCsOsR
— ISRO (@isro) August 4, 2019
दूसरी तस्वीर-
Earth as viewed by #Chandrayaan2 LI4 Camera on August 3, 2019 17:37 UT pic.twitter.com/8N7c8CROjy
— ISRO (@isro) August 4, 2019
इससे पहले 24 जुलाई को चंद्रयान 2 ने पहली और 26 जुलाई को दूसरी बार सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में बदलाव किया था. इसरो ने बताया कि यान को 276 गुणा 71792 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा गया है. इसरो का कहना है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 'रोवर' उतारने के इरादे से भेजे गए भारत के दूसरे चंद्र मिशन की सभी गतिविधियां सामान्य हैं.
इसरो के मुताबिक, चांद के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 के प्रोपेलिंग सिस्टम का इस्तेमाल इसकी रफ्तार धीमी करने के लिए किया जाएगा, ताकि यह चांद की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके. पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र से चांद के आभामंडल में यह 14 अगस्त को प्रवेश करेगा. चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान के पहुंचने के बाद विक्रम नाम का लैंडर कक्षा से अलग हो जाएगा. हालांकि ऑर्बिटर चांद की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगाता रहेगा. कुछ दिन कक्षा की परिक्रमा के बाद यह 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा.