जस्टिस गौतम पटेल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में आवारा कुत्तों पर चल रही सुनवाई में कहा, '"कोई भी (आवारा) कुत्ते या बाघ को यह नहीं बता सकता है कि इसकी क्षेत्रीय सीमाएं क्या हैं... हमें बॉम्बे हाईकोर्ट में यह समस्या थी. हमने उन्हें खिलाकर इसे हल किया. अब वे बस सोते हैं."
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को एक सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करते हुए कहा यदि आप भोजन और कुछ मात्रा में देखभाल प्रदान करते हैं, तो आवारा कुत्ते आक्रामक नहीं होंगे. जस्टिस पटेल ने कहा, अगर आवारा पशुओं को बिना देखरेख के छोड़ दिया जाता है, जिसमें खिलाना, नसबंदी, टीकाकरण या बीमार या बीमार होने पर आवश्यक उपचार शामिल है, तो आपको भोजन की तलाश में (समाज में) आ रहे कुत्तों और आक्रामक होने में समस्या होगी.
"Nobody can tell a (stray) dog or a tiger what its territorial limits are...we had this problem in the Bombay Hight Court. We solved it by feeding them. Now they just sleep." pic.twitter.com/T5Jm8nxAoX
— Live Law (@LiveLawIndia) February 23, 2023
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