जस्टिस गौतम पटेल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में आवारा कुत्तों पर चल रही सुनवाई में कहा, '"कोई भी (आवारा) कुत्ते या बाघ को यह नहीं बता सकता है कि इसकी क्षेत्रीय सीमाएं क्या हैं... हमें बॉम्बे हाईकोर्ट में यह समस्या थी. हमने उन्हें खिलाकर इसे हल किया. अब वे बस सोते हैं."

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को एक सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करते हुए कहा यदि आप भोजन और कुछ मात्रा में देखभाल प्रदान करते हैं, तो आवारा कुत्ते आक्रामक नहीं होंगे. जस्टिस पटेल ने कहा, अगर आवारा पशुओं को बिना देखरेख के छोड़ दिया जाता है, जिसमें खिलाना, नसबंदी, टीकाकरण या बीमार या बीमार होने पर आवश्यक उपचार शामिल है, तो आपको भोजन की तलाश में (समाज में) आ रहे कुत्तों और आक्रामक होने में समस्या होगी.

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)