हाल ही में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक हाउसिंग सोसाइटी को एक महिला की घरेलू सहायिका को सोसाइटी परिसर में प्रवेश करने और महिला की सहायता करने से रोक दिया, क्योंकि वह (निवासी) आवारा कुत्तों को खाना खिलाती है. जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और अद्वैत सेठना की खंडपीठ ने कहा कि हाउसिंग सोसाइटी महिला की घरेलू सहायिका और अन्य कर्मचारियों को परिसर में प्रवेश करने से रोककर केवल मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है. 21 जनवरी के आदेश में कहा गया है, "हम याचिकाकर्ता संख्या 1 को प्रतिवादी-लीला वर्मा के अपार्टमेंट में आने वाले किसी भी कर्मचारी/नौकरानी को उनके नियमित कर्तव्यों का निर्वहन करने से नहीं रोकने का निर्देश देते हैं." यह भी पढ़ें: HC on Workplace Harassment: कार्यस्थल पर कोई भी अवांछित व्यवहार यौन उत्पीड़न है, चाहे उत्पीड़नकर्ता का इरादा कुछ भी हो- मद्रास हाईकोर्ट
पीठ ने लीला वर्मा नामक एक महिला द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, जिसने कहा कि उसकी सोसाइटी सीवुड्स एस्टेट्स लिमिटेड उसकी घरेलू सहायिका को उसके घर में प्रवेश करने और उनकी सेवाएं देने से रोक रही है, क्योंकि वह सोसाइटी परिसर में आस-पास के आवारा कुत्तों को खाना खिला रही थी. हाई कोर्ट की पीठ ने मुख्य याचिका के अन्य प्रतिवादियों को अपने हलफनामे दाखिल करने का आदेश दिया है. इसने मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है.
परिसर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले निवासी को सेवाएं देने से हाउस हेल्प को नहीं रोक सकती सोसायटी:
Society Cannot Restrain House Help From Rendering Services To Resident Who Feeds Stray Dogs In The Premises: Bombay High Court | @NarsiBenwal #straydogs https://t.co/1O1SW6QVeA
— Live Law (@LiveLawIndia) January 23, 2025
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