![Fact Check: आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति कोरोना की कथित दवा की स्वीकृति पर लगा रहे हैं रोक? PIB ने बताई इस वायरल खबर की सच्चाई Fact Check: आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति कोरोना की कथित दवा की स्वीकृति पर लगा रहे हैं रोक? PIB ने बताई इस वायरल खबर की सच्चाई](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/06/PIB2.jpg)
Fact Check: एक ओर जहां देश में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के खिलाफ लड़ाई जारी है तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर कोविड-19 (COVID-19) से संबंधित फर्जी खबरों (Fake News) और फेक जानकारियों (Fake Information) को व्यापक तौर पर शेयर करने का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना संकट के बीच इंटरनेट पर शेयर की जा रही खबरों के बीच एक ट्विटर पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि आयुष मंत्रालय (AYUSH Ministry) के वैज्ञानिक पैनल में कुछ लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए एक कथित आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic medicine) की स्वीकृति पर रोक लगा रहे हैं.
दावा- एक ट्वीट में आरोप लगाया गया है कि आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति कोरोना वायरस की एक कथित दवाई की स्वीकृति पर रोक लगा रहे हैं. ट्वीट में आयुष मंत्रालय में दवाइयों पर रिसर्च और अप्रूवल देने वाले साइंटिफिक पैनल के टॉप 6 साइंटिस्टों के नाम भी दिए गए हैं. ट्वीट में दावा किया गया है कि तथाकथित वैज्ञानिक पैनल के सदस्य पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) की कोविड-19 दवा कोरोनिल (Coronil) को मंजूरी नहीं दे रहे हैं. प्रेस सूचना ब्यूरो यानी पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) में पता चला कि आयुष मंत्रालय में इस तरह के वैज्ञानिक का कोई पैनल नहीं है, यह खबर फर्जी और भ्रामक है. यह भी पढ़ें: Fact Check: ऑनलाइन काउंसलिंग और PG मेडिकल सीट के आवंटन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी किया पत्र? जाने इस वायरल खबर की सच्चाई
पीआईबी फैक्ट चेक का ट्वीट-
दावा: एक ट्वीट में आरोप लगाया गया है कि आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति, कोरोना की एक कथित दवाई की स्वीकृति पर रोक लगा रहे हैं।#PIBFactCheck: @moayush में ऐसा कोई वैज्ञानिक पैनल नहीं हैं। pic.twitter.com/2iDRqOGRCf
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 27, 2020
बता दें कि पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया था कि आयुष मंत्रालय ने मुजाहिद हुसैन नाम के अपने एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया है. वायरल ट्वीट में कहा गया था कि जिस डॉक्टर को आयुष मंत्रालय ने निलंबित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद द्वारा लॉन्च की गई कोविड-19 की दवा कोरोनिल की स्वीकृति को रोक दिया था. गौरतलब है कि पीआईबी लगातार लोगों से यह अपील करता आ रहा है कि कोरोना संकट के बीच सोशल मीडिया पर वायरल खबरों की सत्यता की जांच करने के बाद ही उन पर भरोसा करें.
Fact check
![Fact Check: आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति कोरोना की कथित दवा की स्वीकृति पर लगा रहे हैं रोक? PIB ने बताई इस वायरल खबर की सच्चाई](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/06/PIB2.jpg)
आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति कोरोना की कथित दवा की स्वीकृति पर रोक लगा रहे हैं.
पीआईबी फैक्ट चेक में ने बताया है कि आयुष मंत्रालय में इस तरह के वैज्ञानिकों का कोई पैनल नहीं है.