इस वर्ष का पहला चंद्रग्रहण वैशाख की पूर्णिमा यानी 5 मई 2023 को लग रहा है. वैज्ञानिक आधार पर चंद्रग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के मध्य पहुंचती है, इस वजह से सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर आंशिक अथवा पूर्णतः पड़ता है, यानी चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ने से कुछ समय के लिए चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है, जैसे सूर्यास्त तथा सूर्योदय के समय होता है. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राहु द्वारा चंद्रमा को ग्रस्त करने के कारण चंद्रग्रहण लगता है. गौरतलब है कि प्रत्येक चंद्रग्रहण पृथ्वी की आधी आबादी द्वारा देखा जा सकता है. यहां बात करेंगे कि चंद्रग्रहण कब से कब तक रहेगा और सूतक काल के नियम लागू होंगे या नहीं.
भारत में चंद्रग्रहण का समय!
साल का यह पहला चंद्रग्रहण मेष और भरणी नक्षत्र में लग रहा है. भरणी नक्षत्र यम का सूचक माना जाता है. यम अपने अच्छे और बुरे कर्मों का विश्लेषण करता है और उसी के अनुसार न्याय करता है. यह भारत के उत्तर-पूर्वी भागों यानी कोलकाता, पटना, गुवाहाटी, और अरुणाचल जैसे स्थानों पर दिखाई देगा. इसके अलावा यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, महासागर, अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा. इसका सूतक काल सूर्योदय (04.23 AM) से प्रातः 06.30 AM तक माना जा रहा है.
सूतक कालः 8 नवंबर 2023 को, 09.21 PM से शुरू होगा और ग्रहण खत्म होने तक सूतक लगा रहेगा.
चंद्रग्रहण (2023) शहर के अनुसार ग्रहण और सूतक काल
दिल्लीः चंद्रग्रहण 05.32 PM सूतक कालः 09.21 AM
कोलकाताः चंद्रग्रहण 04.56 PM सूतक कालः 08.32 AM
मुंबईः चंद्रग्रहण 06.05 PM सूतक कालः 08.45 AM
रांचीः चंद्रग्रहण 05.07 PM सूतक कालः 09.32 AM
पटनाः चंद्रग्रहण 05.05 PM सूतक कालः 05.36 PM
गुवाहाटीः चंद्रग्रहण 04.37 PM सूतक कालः 05.36 PM
अहमदाबादः चंद्रग्रहण 06.00 PM सूतक कालः 05.36 PM
जयपुरः चंद्रग्रहण 05.41 PM सूतक कालः 09.26 PM
लखनऊः चंद्रग्रहण 06.00 PM सूतक कालः 09.36 AM
चंडीगढ़ः चंद्रग्रहण 09.05 PM सूतक कालः 09.05 AM
भोपालः चंद्रग्रहण 05.40 AM सूतक कालः 09.17 AM
चेन्नईः चंद्रग्रहण 05.42 AM सूतक कालः 08.59 AM
चंद्रग्रहण मुख्यतया चार प्रकार के होते हैं
* पेनुमब्रल चंद्रग्रहणः यह ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के पेनम्ब्रा से होकर गुजरता है. पेनम्ब्रा चंद्र सतह के सूक्ष्म धुंधलापन का कारण बनता है, जो केवल नग्न आंखों से देखा जा सकता है.
* आंशिक चंद्रग्रहणः आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी के गर्भ में प्रवेश करता है. जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पूरा चंद्रमा ग्रह के गर्भ में प्रवेश करता है. ज्ञात हो कि चंद्रमा की औसत कक्षीय गति लगभग 1.03 किमी/सेकंड होती है.
* पूर्ण चंद्रग्रहणः जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ में आ जाता है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है.
* केंद्रीय चंद्रग्रहणः यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है. इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केंद्र से होकर गुजरता है. यह सौर-विरोधी बिंदु से संपर्क करता है. इस तरह का चंद्र ग्रहण अपेक्षाकृत दुर्लभ होता है.