![Martyrs' Day: गांधीजी की पुण्यतिथि को 'शहीद दिवस' के रूप में क्यों देखा जाता है? जानें गांधीजी की हत्या कब, क्यों और कैसे हुई थी? Martyrs' Day: गांधीजी की पुण्यतिथि को 'शहीद दिवस' के रूप में क्यों देखा जाता है? जानें गांधीजी की हत्या कब, क्यों और कैसे हुई थी?](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2025/01/Martyrs-Day-380x214.jpg)
भारत में शहीद दिवस कई तिथियों में मनाया जाता है. इनमें दो प्रमुख तिथियां हैं, 30 जनवरी और 23 मार्च. 30 जनवरी को मोहनदास करमचंद गांधी के निधन पर शहीद दिवस मनाया जाता है, जबकि 23 मार्च को तीन बहादुर और साहसी क्रांतिकारियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटकाए जाने की स्मृति में भी शहीद दिवस मनाया मनाया जाता है. यहां हम बात करेंगे. 30 जनवरी को मनाये जाने वाले शहीद दिवस की. गौरतलब है कि स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में एक महात्मा गांधी, जिन्होंने तमाम आंदोलनों का नेतृत्व किया और कई बार जेल गये, को नाथूराम गोडसे ने उस समय गोली मार दी, जब वे प्रार्थना सभा की ओर जा रहे थे. आइये जानते हैं इस शहीद दिवस (30 जनवरी) पर कि महात्मा गांधी की हत्या कब और कैसे हुई थी, और क्या है इसका इतिहास इत्यादि..
गांधीजी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में क्यों मनाते हैं?
29 जनवरी 1948 प्रार्थना स्थल की ओर जाते समय गांधी जी पर नाथूराम गोडसे द्वारा करीब से गोली चलाने से गांधीजी की मृत्यु हुई थी. गांधी जी का यह बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और देश की एकता के लिए था. इस दिन हम न केवल गांधीजी के योगदान को याद करते हैं, बल्कि उन सभी शहीदों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की बलि दी. इस तरह शहीद दिवस के अवसर पर हम उन वीरों को भी श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उनकी शहादत को सम्मानित करते हैं. इसलिए गांधी जी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें : युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए जम्मू में भारत-पाक सीमा पर स्मारक का अनावरण किया गया
कैसे हुई थी गांधीजी की हत्या?
कहा जाता है कि 30 जनवरी 1948 को हमेशा की तरह गांधी जी दो महिला साथियों के साथ बिड़ला हाउस से प्रार्थना सभा की ओर जा रहे थे. तभी नाथूराम गोडसे ने एक महिला साथी को किनारे हटाते हुए अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से गांधी जी को करीब से एक के बाद एक तीन गोली मारी. बताया जाता है कि नाथूराम गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी था, जो गांधीजी के पाकिस्तान के साथ सहमति मुस्लिमों के प्रति उनके दृष्टिकोण का विरोध करता था. गोली लगते ही गांधीजी गिर पड़े, उनकी वहीं मृत्यु हो गई. गांधीजी की हत्या से पूरी दुनिया हतप्रभ थी. गोडसे को गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में भी उन्हें दोषी ठहराया. गांधीजी की शव यात्रा में अंतिम विदाई देने के लिए 10 लाख लोग साथ चल रहे थे, जबकि सड़क के दोनों तरफ करीब 15 लाख लोग खड़े थे.
कैसे मनाया जाता है यह शहीद दिवस?
शहीद दिवस यानी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर हर वर्ष 30 जनवरी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट पर जाते हैं, बापू की समाधि एवं प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे. इसके साथ शहीदों को सम्मान देने के लिए सशस्त्र बलों के कर्मियों और अंतर-सेवा दल द्वारा सम्मानजनक सलामी भी दी जाती है. राष्ट्रपिता बापू और देश भर के अन्य शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है. बहुत-सी जगहों पर भजन या धार्मिक प्रार्थनाएं की जाती हैं. इसके अलावा स्कूल एवं कॉलेज में छात्र-छात्राएं देशभक्ति के गीत और मंचन करते हैं.