Shaheed Diwas 2024 Quotes in Hindi: भारत में कई तिथियों पर शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. एक तरफ जहां 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ 23 मार्च को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह (Bhagat Singh), शिवराम राजगुरु (Shivram Rajguru) और सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar) की शहादत की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है. आपको बता दें कि 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर में जन्में भगत सिंह ने अपने साथियों राजगुरु, सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की हत्या के लिए लड़ाई लड़ी. उन्होंने और उनके साथियों ने 8 अप्रैल 1929 को इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाते हुए सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली पर बम फेंके, जिसके लिए उन पर हत्या का मामला चलाया गया. 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गई, फिर उनके शवों का सतलज नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया.
23 मार्च को भारत के तीन असाधारण स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराज राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को याद करने के लिए शहीद दिवस मनाया जाता है. इसी दिन अंग्रेजों ने इन तीन महान स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दे दी थी. इस अवसर पर आप इन हिंदी कोट्स, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक मैसेजेस और जीआईएफ इमेजेस को भेजकर उनके बलिदान को याद कर सकते हैं.
1- हाथ जोड़कर नमन जो करते,
मत समझो कि हम कमजोर हैं,
उठाओ कथाएं देखो इतिहास,
छाए हुए हम हर ओर हैं...
शहीदों को शत्-शत् नमन
2- जब तुम शहीद हुए थे,
ना जाने कैसे तुम्हारी मां सोई होगी,
एक बात तो तय है कि,
तुम्हें लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी.
शहीदों को शत्-शत् नमन
3- इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना,
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना.
शहीदों को शत्-शत् नमन
4- अपनी आजादी को हम,
हरगिज भुला नहीं सकते
सर कटा सकते है लेकिन,
सर झुका सकते नहीं...
शहीदों को शत्-शत् नमन
5- आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो खून,
जो देश के काम आता है.
शहीदों को शत्-शत् नमन
गौरतलब है कि बहुत कम उम्र में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने मातृभूमि के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया था. भारत माता के ये तीनों वीर सपूत देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, क्योंकि इतनी कम उम्र में उन्होंने आजादी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी, इसलिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर के योगदान को याद करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.