Mahatma Gandhi Punyatithi 2025 Anmol Vichar: महात्मा गांधी पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi Punyatithi) जो हर साल 30 जनवरी को मनाई जाती है. 1948 में इसी दिन नाथूराम गोडसे ने गांधी की हत्या कर दी थी. उनकी मृत्यु ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, लेकिन अहिंसा, सत्य और शांति के उनके मूल्य और शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं. भारत भर के शैक्षणिक संस्थान भाषण, निबंध लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं जैसे आयोजन करके इस दिन को मनाते हैं. इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी के योगदान और आज की दुनिया में उनके विचारों की प्रासंगिकता को समझने में मदद करना है. यह भी पढ़ें: Mahatma Gandhi Punyatithi 2025 Quotes: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके इन महान विचारों को शेयर कर दें बापू को श्रद्धांजलि
महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से बापू कहा जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे. अहिंसा और सत्य का उनका दर्शन न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया भर के आंदोलनों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्धांत बन गया. जाति, धर्म या लिंग की परवाह किए बिना लोगों को एकजुट करने के उनके प्रयासों ने भारत को एकता और समानता पर आधारित राष्ट्र के रूप में आकार दिया. इस पवित्र दिन पर, हम बापू को श्रद्धांजलि देते हैं और इस बात पर विचार करते हैं कि हम उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे लागू कर सकते हैं.
चाहे वह ईमानदारी का अभ्यास करना हो, शांति को बढ़ावा देना हो या दूसरों के प्रति करुणा दिखाना हो, गांधी जी के सिद्धांत आज की तेज़-रफ़्तार दुनिया में भी प्रासंगिक हैं. आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर करके आप उन्हें इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
1. किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए सोने की बेड़ियां, लोहे की बेड़ियों से कम कठोर नहीं होगी. चुभन धातु में नहीं वरन् बेड़ियों में होती है. -महात्मा गांधी

2. गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती. वह तो केवल अपनी ख़ुशबू बिखेरता है. उसकी ख़ुशबू ही उसका संदेश है. -महात्मा गांधी

3. निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी.
-महात्मा गांधी

4. स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है. जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे. -महात्मा गांधी

5. क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है. -महात्मा गांधी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए बल्कि दुनिया को अहिंसा की शक्ति से परिचित कराने के लिए भी याद किया जाता है. 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत उनके जीवन और कार्य का आधार बन गए.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, गांधी जी ने शांतिपूर्ण विरोध, बहिष्कार और दांडी मार्च तथा भारत छोड़ो आंदोलन जैसे आंदोलनों के माध्यम से लाखों लोगों को संगठित किया. सत्याग्रह के उनके दर्शन ने आम नागरिकों को हिंसा का सहारा लिए बिना अन्याय के खिलाफ खड़े होने का अधिकार दिया.













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