सिडनी, 24 दिसंबर : शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह अनुमान लगाने का एक तरीका खोजा है कि शरीर में सोडियम को कम करने के लिए ब्लड प्रेशर के उपचार पर कौन प्रतिक्रिया देगा. ऑस्ट्रेलिया में द हंटर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और न्यूकैसल विश्वविद्यालय की टीम ने यह पता लगाया कि इलाज की जानकारी के लिए प्रत्येक व्यक्ति के जेनेटिक्स का उपयोग कैसे किया जाए. उनके निष्कर्ष प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कार्डियोलॉजी जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित हुए.
जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक पेपर में प्रोफेसर मरे केर्न्स ने कहा, "हाई ब्लड प्रेशर या हाईपरटेंशन से संबंधित बीमारी लगभग 20 प्रतिशत लोगों को मार देती है. कम से कम 30 प्रतिशत वयस्क आबादी को यह बीमारी है - यानी तीन ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों में से एक - और उनमें से केवल 30 प्रतिशत लोग ही इसे नियंत्रण में रख पाते हैं.'' केर्न्स ने बताया, “लोगों का नशीली दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया करने का तरीका अलग-अलग है. हम फिजियोलोजिकल सिस्टम के संबंध में किसी व्यक्ति के हाई ब्लड प्रेशर के जेनेटिक्स जोखिम को माप सकते हैं - जिसमें गुर्दे, हृदय या मांसपेशियां शामिल हैं - और फिर दवाओं को सटीक रूप से टारगेट कर सकते हैं." हाईपरटेंशन की कुछ दवाएं शरीर में सोडियम - और बाद में रक्त की मात्रा - को कम करने का काम करती हैं. यह भी पढ़ें : No Compromise On Sleep: अच्छी सेहत के लिए नींद से मत करो समझौता, इन चीजों पर पड़ सकता है असर, नई स्टडी में हुआ खुलासा
केर्न्स का कहना है कि कई लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की आनुवंशिक प्रवृत्ति होती है जो उच्च नमक वाले आहार से शुरू होती है या बढ़ जाती है, वे सोडियम को कम करने वाले उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देंगे. कुछ लोगों के लिए, नमक उनके उच्च रक्तचाप का एक महत्वपूर्ण कारक नहीं है, इसलिए उन्हें उन उपचारों से अधिक लाभ हो सकता है जो उनके आनुवंशिक जोखिम के अन्य जैविक पहलुओं को लक्षित करते हैं. 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार की पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं, और 20 प्रतिशत लोग दो या दो से अधिक बीमारियों से पीड़ित हैं. सही चिकित्सा से वैश्विक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. सोडियम से जुड़े आनुवंशिक स्कोर, सोडियम स्तर और रक्तचाप के बीच परस्पर क्रिया को मापने के लिए टीम ने यूके बायोबैंक से वास्तविक विश्व डेटा का उपयोग किया.