Mangla Gauri Vrat 2023: आज पुरुषोत्तम मास के पहले मंगला गौरी व्रत में ऐसे करें पूजा-अनुष्ठान! जानें कब लगता है मंगल-दोष!
मंगला गौरी व्रत

Mangla Gauri Vrat 2023: सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महात्म्य बताया गया है, इस वर्ष मलमास (पुरुषोत्तम मास) के कारण सावन का महीना 59 दिनों का है. शिव-भक्तों के लिए यह माह विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें सावन के आठ सोमवार अपने आराध्य देव शिवजी की पूजा-व्रत का सौभाग्य मिलेगा, और देवी मंगला गौरी के व्रत-अनुष्ठान के लिए भी आठ मंगलवार तक उनकी आराधना का अवसर मिलेगा. आज 18 जुलाई 2023 को पुरुषोत्तम मास का पहला मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत-पूजा करने वाले जातकों पर देवी पार्वती की विशेष कृपा बरसेगी. अगर जातक की कुंडली में मंगल दोष है तो अधिक मास के इस पहले मंगला गौरी व्रत करने से मंगल दोष का असर कम होगा, और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर तथा सुहागन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइये जानें पुरुषोत्तम मास के इस पहले मंगला गौरी व्रत के बारे में विस्तार से... यह भी पढ़ें: कब शुरू हो रहा है मलमास? जानें इस माह क्यों वर्जित हैं शुभ कार्य? और क्या करें क्या न करें!

मंगला गौरी व्रत-पूजा का महात्म्य

मंगला गौरी भक्तों के लिए यह बेहद शुभ संयोग माना जा रहा है कि, सावन मास की शुरुआत  04 जुलाई 2023 को मंगला गौरी व्रत के साथ हुई, और आज 18 जुलाई को अधिक मास की शुरुआत भी मंगला गौरी व्रत एवं अनुष्ठान से हो रहा है. इस साल सावन मास का यह तीसरा और अधिक मास का पहला गौरी व्रत 18 जुलाई को रखा जाएगा. मंगला गौरी व्रत से जातक के सारे कष्ट एवं पाप मिट जाते हैं, कुंडली में किसी तरह का दोष होता है तो उसका असर कम होता है तथा जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है.

मंगला गौरी व्रत उपाय

ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके विवाह में बाधाएं आती हैं, अगर जैसे-तैसे विवाह हो भी जाता है तो उसका दांपत्य जीवन असहज रहता है, आये दिन तकरार होता है. इसलिए कुंडली में मंगल दोष होने पर सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन मां मंगला गौरी के साथ पवन पुत्र हनुमान जी की संयुक्त पूजा करनी चाहिए. मंगला गौरी को सोलह श्रृंगार और सुहाग के सारे सामान चढ़ाने के साथ निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें.

‘ऊँ गौरीशंकराय नमः’

हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाने के साथ उनके चरणों का सिंदूर (मंगल दोष के जातक) मस्तक पर लगाएं, एवं बजरंग बाण पढ़ें. अब 16 बाती का दिया जलाकर मां मंगला गौरी की आरती करें. अंत में मां गौरी और हनुमानजी के सामने हाथ जोड़कर पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें,

इसके बाद पूजा में उपस्थित लोगों को लड्डू एवं मिठाई खिलाएं. अगर किसी के विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही है तो वह मंगला गौरी और हनुमान जी की पूजा के पश्चात एक खाली मिट्टी का पात्र लेकर उसे नदी के प्रवाह में छोड़ दें. ज्योतिष शास्त्री आचार्य भागवत के अनुसार किसी की कुंडली में अगर मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें एवं 12वें घर में स्थित हो तो उस व्यक्ति पर मंगल दोष बनता है.