Braj’s Holi Schedule 2025: मथुरा, वृन्दावन, बरसाना और नंदगांव को एक लड़ी में पिरोने वाला ब्रज, जीवंत परंपराओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ रंगोत्सव मनाने के लिए तैयार है. भगवान कृष्ण और राधा की दिव्य प्रेम कथाओं पर आधारित यह पर्व दुनिया भर के भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है. 3 फरवरी से शुरु हुआ यह 40 दिवसीय रंगोत्सव 22 मार्च को रंगपंचमी के साथ सम्पन्न होगा. यहां राधा-कृष्ण प्रेम का दिव्य दर्शन करने देश-विदेश के पर्यटक इन दिनों ब्रज की ओर कूच करने लगे हैं. अगर आप ब्रज में होलिकोत्सव का आनंद उठाने की योजना बना रहे हैं तो आपकी सुविधा के लिए यहां ब्रज की होली का पूरा शेड्यूल दिया जा रहा है. यह भी पढ़ें: Masan Holi 2025: कब और क्यों खेली जाती है मसान होली? इस होली में आम लोगों को शामिल होने की इजाजत क्यों नहीं होती?
ब्रज की होली का गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण और राधा की तमाम किंवदंतियों से जुड़ी है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रज क्षेत्र में राधा और गोपियों के साथ कृष्ण की छेड़छाड़ भरी बातचीत को विभिन्न होली उत्सवों के माध्यम से मनाया जाता है. यह पर्व प्रेम, खुशी और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
यूं तो ब्रज में होली की धूम बसंत पंचमी से शुरू हो जाती है, लेकिन होली के रंगों का आनंदोत्सव फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को फाग आमंत्रण से शुरु होती है. देखिये ब्रज की होली का पूरा शेड्यूल
7 मार्च, 2025: फाग आमंत्रण - लड्डू होली
स्थान: लाडलीजी महल, बरसाना
कार्यक्रमः संध्या के समय भक्त लड्डुओं से होली खेलते हैं और सभी को होली के इस आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं.
8 मार्च 2025: बरसाना में लट्ठमार होली
स्थान: बरसाना
कार्यक्रमः राधा और कृष्ण की पौराणिक कहानियों को दोहराते हुए, गोपियों के वेश में महिलाएं रंग फेंकते पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं.
9 मार्च 2025: नंदगांव में लट्ठमार होली
स्थान: नंदगांव
कार्यक्रम: बरसाना की लट्ठमार होली की तरह, नंदगांव में ग्वाले बने पुरुष और गोपियां रूपी महिलाओं के बीच एक बार पुनः रंगों के बीच लट्ठ बरसते हैं.
10 मार्च 2025: रंगभरी होली और फूलों की होली
स्थान: बांके बिहारी मंदिर, वृन्दावन
कार्यक्रम: युवक युवतियां राधा-कृष्ण पर फूल बरसाने के बाद एक दूसरे पर रंग फेंक कर और फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा कर होली का जश्न मनाते हैं.
11 मार्च, 2025: होली समारोह
स्थान: द्वारकाधीश मंदिर, गोकुल
कार्यक्रमः इस दिन द्वारिकाधीश मंदिर में पारंपरिक होलिकोत्सव मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालु नाचते-गाते हुए रंगों की होली खेलते हैं.
12 मार्च 2025: बांके बिहारी मंदिर में होली और ढोल समारोह
स्थान: वृन्दावन
कार्यक्रम: होली के इस विशेष अनुष्ठान में भक्तों की भारी भीड़ एकत्र होकर एक दूसरे पर रंग फेंक कर होली सेलिब्रेट करते हैं.
13 मार्च 2025: होलिका दहन
स्थान: फलेन और ब्रज के उस पार
कार्यक्रम: यहां अलाव जलाकर प्रतीकात्मक रूप से राक्षसी होलिका को जलाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है.
14 मार्च, 2025: धुल्हंडी - रंगों की होली
स्थान: संपूर्ण ब्रज (मथुरा, नंदगांव, वृंदावन, बरसाना) में
कार्यक्रम: होली के इस मुख्य दिन को चिह्नित करते हुए, पूरे ब्रज के लोग रंगों से खेलने के लिए एक साथ आते हैं.
मार्च 15-21, 2025: हुरंगा समारोह
स्थानः
15 मार्च: दाऊजी मंदिर
16 मार्च: नंदगांव
17 मार्च: जाओ गांव
18 मार्च: मुखराई (चरकुला नृत्य)
19 मार्च: बटेन
20 मार्च: गिदोह
21 मार्च: खैरा
कार्यक्रम: हुरंगा एक पारंपरिक उत्सव है. जिसके तहत पुरुष और महिलाएं एक दूसरे के साथ हल्की-फुल्की छेड़छाड़ और रंग-गुलाल फेंक कर होली खेली जाती है. यह उत्सव प्रत्येक गांव में अपनी अनूठी छाप छोड़ता है.
22 मार्च, 2025: होली समारोह
स्थान: रंगनाथ मंदिर, वृन्दावन
कार्यक्रमः श्रीरंगनाथ मंदिर में होली के समापन के रूप में कीर्तन, भजन और नृत्य का अनोखा दृश्य देखा जा सकता है.













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