Merry Christmas in Advance 2023 Wishes in Hindi: रोशनी और दीयों के पर्व दिवाली मनाने के बाद से ही लोग क्रिसमस (Christmas) की तैयारियों में जुट जाते हैं. दुनियाभर में क्रिसमस के पर्व को हर साल 25 दिसंबर को धूमधाम से मनाया जाता है. ईसाई धर्म के सबसे बड़े पर्व क्रिसमस को लेकर ऐसी मान्यता प्रचलित है कि पूरी दुनिया को प्रेम और दया का संदेश देने वाले प्रभु यीशु (prabhu yeshu) का जन्म इसी दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को हर कोई यादगार बनाने की कोशिश करता है. प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के पर्व यानी क्रिसमस को धूमधाम से मनाने के लिए लोग घरों में क्रिसमस ट्री लाते हैं, फिर क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) के साथ पूरे घर को रंग-बिरंगी लाइटों और मोमबत्तियों से रोशन किया जाता है. इस दिन लोग सैंटा बनकर अपनों को उपहार देते हैं और शानदार दावतों का आयोजन किया जाता है.
क्रिसमस न सिर्फ साल का आखिरी पर्व होता है, बल्कि इसे छुट्टियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है. क्रिसमस को लेकर लोगों में इतनी बेताबी होती है कि वो अपनों को शुभकामनाएं देने के लिए इंतजार तक नहीं कर पाते हैं. ऐसे में क्रिसमस के पर्व से पहले ही आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को मैरी क्रिसमस इन एडवांस विश कर सकते हैं.
1- आपकी आंखों में जो भी सजे हो सपने,
और दिल में छुपी हो जो भी अभिलाषाएं,
ये क्रिसमस का पर्व उन्हें सच कर जाए,
आपके लिए यही हमारी शुभकामनाएं.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
2- सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आनेवाला हर दिन लाए खुशियों की बहार,
इस उम्मीद के साथ आओ भुलाकर सारे गम,
क्रिसमस का हम सब करें वेलकम...
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
3- सुंदर सजाएंगे ट्री इस बार,
चलो जल्दी करो मेरे यार,
आएंगे सांता क्लॉज इस बार,
मांगो तोहफे और ढेर सारा प्यार.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
4- लो आ गया जिसका था इंतजार,
सब मिल के बोलो मेरे यार,
दिसंबर में लाया क्रिसमस बहार,
मुबारक हो तुमको क्रिसमस मेरे यार.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
5- अब खत्म हुआ इंतजार,
फिर आएगी खुशियों की बहार,
क्रिसमस का लाए हैं हम संदेश,
सभी मनाएं क्रिसमस देश-विदेश.
मेरी क्रिसमस इन एडवांस
ईसाई धर्म की प्रचलित मान्यता के अनुसार, क्रिसमस शब्द की उत्पत्ति क्राइस्ट से हुई है और इसे पहली बार 336 ई. में रोम में सेलिब्रेट किया गया था. इसी दिन ईसा मसीह ने मरीयम के यहां जन्म लिया था और उनके जन्म की भविष्यवाणी मरीयम को सपने में सुनाई दी थी. कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान मरीयम ने बेथलहम की यात्रा की थी. यात्रा के दौरान रात के समय उन्हें पशु पालन करने वाले गड़रिए की गुफा में आश्रय लेना पड़ा था और अगले दिन उसी गुफा में प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, इसलिए सदियों से उनके जन्मदिन की खुशी को क्रिसमस के तौर पर मनाने की परंपरा चली आ रही है.