Mahalaya 2021 Messages in Hindi: बंगाली समुदाय में महालया (Mahalaya) का विशेष महत्व है और वो इस दिन का पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं. महालया के साथ ही एक तरफ जहां श्राद्ध खत्म हो जाते हैं तो वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) कैलाश पर्वत से धरती पर आती हैं और अगले दस दिनों तक अपने भक्तों के बीच रहती हैं. इस साल सर्व पितृ अमावस्या (Sarv Pitru Amavasya) और महालया 6 अक्टूबर (बुधवार) को है. मूर्तिकारों द्वारा महालया के दिन ही मां दुर्गा की आंखें तैयार की जाती हैं और महालया के बाद उनकी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जाता है, जिसके बाद दुर्गा पूजा की शुरुआत में देवी की प्रतिमाओं को पंडालों में स्थापित किया जाता है. इस साल दुर्गा पूजा की शुरुआत 11 अक्टूबर से हो रही है, जिसका समापन 15 अक्टूबर को दशहरा के दिन होगा.
पितृ पक्ष के समापन का पर्व महालया वैसे तो बंगालियों का प्रमुख त्योहार है, लेकिन इसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. महालया दुर्गा पूजा और नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है. महालया के इस खास अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ शेयर करके उन्हें इसकी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- मां शक्ति का वास हो,
संकटों का नाश हो,
हर घर में सुख-शांति का वास हो,
जय माता दी!
महालया की शुभकामनाएं
2- मां दुर्गा आपको अपने भीतर की बुराई और,
लालच को दूर करने का साहस प्रदान करें,
देवी मां आपके सभी दुखों को समाप्त करें और,
आपके जीवन व आत्मा को सच्ची खुशी से रोशन करें.
महालया की शुभकामनाएं
3- मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ,
प्रसिद्धि, स्वास्थ्य, संपदा, खुशी,
इंसानियत, शिक्षा, भक्ति और शक्ति,
का आपको वरदान मिले.
महालया की शुभकामनाएं
4- मां दुर्गा का आशीर्वाद आपके जीवन पथ से,
सभी बाधाओं को दूर करे,
क्योंकि वह इस शुभ दिन पर,
ब्रह्मांड से अंधकार को दूर करती हैं.
महालया की शुभकामनाएं
5- देवी दुर्गा आपके चारों ओर की,
सभी बुराइयों को नष्ट कर दें,
और इस देवी पक्ष में आपके जीवन को,
समृद्धि और खुशियों से भर दें.
महालया की शुभकामनाएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अत्याचारी असुर महिषासुर के संहार के लिए मां दुर्गा का सृजन किया था. दरअसल, महिषासुर को वरदान मिला था कि कोई देवता या मनुष्य उसका वध नहीं कर पाएगा. ऐसे में महिषासुर से रक्षा के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की. इस दौरान सभी देवताओं के शरीर से दिव्य रोशनी निकली, जिसने दुर्गा का रूप धारण किया. मां दुर्गा ने देवताओं के कहने पर नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और दसवें दिन उसका संहार किया.