Ganpati Visarjan 2019: जल में क्यों किया जाता है गणपति बाप्पा का विसर्जन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक मान्यता
गणपति विसर्जन 2019 (Photo credit: IANS)

Ganpati Visarjan 2019: देशभर में पिछले 10 दिनों से गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की धूम मची हुई है और आज यानी अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) को गणपति बाप्पा (Ganpati Bappa) की विदाई का दिन है. गणपति बाप्पा मोरया...अगले बरस तू जल्दी आ... के जयकारे के साथ आज गणपति बाप्पा का विसर्जन (Ganpati Visarjan) किया जाएगा. बता दें कि बीते 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के साथ ही भक्तों के बीच बाप्पा का आगमन हुआ था और अब उनकी विदाई का समय आ गया है. गणेशोत्सव के दौरान बाप्पा की पूजा-अर्चना किए जाने के बाद उनकी प्रतिमा को किसी नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है और यह कामना की जाती है कि बाप्पा फिर से अपने भक्तों के बीच जल्दी से आएं. हालांकि गणेश विसर्जन का क्षण भक्तों के लिए बहुत भावुक होता है, क्योंकि बाप्पा एक साल के लिए विदा हो जाते हैं.

इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि अनंत चतुर्दशी के दिन बाप्पा का जल में विसर्जन (Ganesh idol immersions) किया जाता है, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं कि गणेश जी का विसर्जन जल में ही क्यों किया जाता है. दरअसल, इससे एक पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. यह भी पढ़ें: Ganpati Visarjan 2019: आज उत्तर पूजा के बाद होगा भगवान गणेश का विसर्जन, जानिए शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त-

अनंत चतुर्दशी- गुरुवार. 12 सितंबर 2019.

पूजा मुहूर्त- 12 सितंबर सुबह 07.27 बजे से 13 सितंबर सुबह 04.05 बजे तक.

पूजा अवधि- 20 घंटे 38 मिनट.

चतुर्दशी तिथि आरंभ- 12 सितंबर मध्य रात्रि 01.36 बजे से,

चतुर्दशी तिथि समाप्त- 13 सितंबर सुबह 04.05 बजे तक.

विसर्जन से जुड़ी पौराणिक मान्यता-

गणेशोत्सव के बाद गणपति बाप्पा की प्रतिमा का जल में विसर्जन किए जाने से जुड़ी एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, गणेश जी ने लगातार दस दिनों तक महाभारत (Mahabharat) ग्रंथ लिखा था. मान्यता है कि महर्षि वेदव्यास  (Maharishi) Vedvyas) ने गणेशजी को लगातार 10 दिन तक महाभारत की कथा सुनाई और गणेशजी 10 दिनों तक बिना रूके इस कथा को लिखते रहे.

10 दिनों तक लगातार महाभारत की कथा लिखते रहने के कारण गणेशजी का शरीर पूरी तरह से गर्म होकर तपने लगा था. महर्षि व्यास ने जब गणेशजी के शरीर को छुआ तो देखा कि उनके शरीर का तापमान बहुत बढ़ चुका है, इसके बाद वे तुरंत गणेशजी को जलकुंड में ले गए और उन्हें स्नान करवाया. जल में स्नान करने के बाद गणेशजी के शरीर का तापमान शांत हुआ, इसलिए हर साल दस दिनों के गणेशोत्सव के बाद अनंत चतुर्दशी को बाप्पा का जल में विसर्जन किया जाता है. यह भी पढ़ें: Happy Anant Chaturdashi 2019 Messages: अनंत चतुर्दशी पर इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Images, Facebook Greetings, Wishes, Photo SMS के जरिए दें गणपति बाप्पा को विदाई

ऐसे करें गणपति बाप्पा का विसर्जन

अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बाप्पा की प्रतिमा का विसर्जन करने से पहले उनकी विधिवित पूजा की जाती है और आरती उतारी जाती है. आरती करने के बाद बाप्पा को हल्दी, कुमकुम और फूल अर्पित किया जाता है. इसके बाद अपनी मनोकामना पूर्ति करने के लिए और अगले साल बाप्पा के जल्दी वापस आने की कामना करके प्रार्थना करनी चाहिए. इसके साथ ही बाप्पा से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना की जाती है और गणपति बाप्पा मोरया... अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे के साथ उनकी प्रतिमा को किसी नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है.