Ganpati Visarjan 2019: गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत होकर ख़त्म भी होने वाली है. पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इसलिए गणेश चतुर्थी को उनके जन्मोत्सव का प्रतीक माना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त गणपति बाप्पा को धूमधाम से अपने घर ले आते और गणेशोत्सव के दौरान पूरे दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. गणेश जी को स्वादिष्ट मोदक, लड्डुओं और लजीज मिष्ठानों का भोग लगाया जाता है. गणपति के श्लोक, मंत्रों और भजनों से उनकी आराधना की जाती है.
गणेशोत्सव के दौरान सार्वजनिक गणेश पंडालों की रौनक भी देखते ही बनती है. भक्त अलग-अलग गणेश पंडालों में जाकर भगवान गणेश के दर्शन करते हैं. जो लोग अपने घरों में गणपति की प्रतिमा स्थापित करते हैं, उनमें से कई लोग डेढ़ दिन में गणपति का विसर्जन कर देते हैं, जबकि कई लोग तीसरे, पांचवे, सातवें और दसवें दिन गणपति का विसर्जन करते हैं. जिन मूर्तियों की स्थापना 10 दिन तक की जाती हैं उनका विसर्जन अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन (Ganpati Visarjan) किया जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा के बाद बाप्पा का विसर्जन किया जाता है. आइए आपको बताते हैं आज कब और किस मुहूर्त में बाप्पा का विसर्जन किया जाएगा.
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गणपति विसर्जन शुभ मुहूर्त-
अनंत चतुर्दशी गणपति विसर्जन तिथि- गुरुवार, 12 सितंबर 2019.
सुबह 10:50 से दोपहर 03:22 तक
शाम 04:55 से 06:25 तक
विसर्जन स्थान पर मौजूद परिवार के सदस्य और अन्य लोग हाथ में फूल और अक्षत लें. फिर विसर्जन मन्त्र बोलकर गणेश जी को चढ़ाएं और प्रणाम करें. जल को पंच तत्वों में से एक माना गया है. इसमें घुलकर प्राण प्रतिष्ठित गणेश मूर्ति पंच तत्वों में सामहित होकर अपने मूल स्वरूप में मिल जाती है.