Ganesh Chaturthi 2021: लालबागचा राजा से खेतवाड़ी चा राजा तक, जानें प्रसिद्ध गणपति मंडल से जुड़े दिशानिर्देश और लाइव स्ट्रीमिंग विकल्प से जुड़ी अहम जानकारी
लोकप्रिय गणेश मंडल (Photo Credits: Official Websites)

Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) महाराष्ट्र (Maharashtra) में सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक, दस दिवसीय गणेशोत्सव (Ganesh Utsav) का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को मनाई जाएगी और इस दस दिवसीय उत्सव का समापन 19 सितंबर को होगा. गणेशोत्सव के दौरान लोग कुछ फेमस गणेश मंडलों का दौरा जरूर करते हैं. हालांकि पिछले साल कोविड-19 (COVID-19) और इससे जुड़े प्रोटोकॉल के कारण गणेशोत्सव को धूमधाम से नहीं मनाया गया था, लेकिन इस साल गणेश चतुर्थी 2021 को पूरे जोश और उत्साह के साथ लोग मनाने के लिए उत्सुक हैं.

चलिए नजर डालते हैं कुछ लोकप्रिय गणपति मंडलों पर… जहां आप इस गणेशोत्सव के दौरान जाने की योजना बना रहे हैं. ऐसे में हम आपको वर्चुअल समारोह आयोजित करने वाले इन मंडलों के बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें आप अपने घर की सुरक्षा में बैठकर गणपति दर्शन कर सकते हैं. गणेश मंडलों को ऑफिशिलय वेबसाइट पर आप लाइव स्ट्रीमिंग लिंक और टेलिकास्ट से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं.

1- लालबागचा राजा, मुंबई (Lalbaugcha Raja in Mumbai)

मुंबई स्थित लालबागचा राजा महाराष्ट्र में सबसे लोकप्रिय है, जहां हर साल गणेशोत्सव के दौरान बप्पा के दर्शन के लिए सैलाब उमड़ता है. मुंबई के लालबाग बाजार में लालबाग पुलिस स्टेशन के पास स्थित लालाबागचा राजा गणेश मंडल काफी लोकप्रिय है. साल 1934 से लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा प्रबंधित पौराणिक प्रतिमा के दर्शन के लिए लाखों भक्त आते हैं. आप कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों और प्रतिबंधों का पालन करते हुए पारंपरिक तरीके से गणेशोत्सव मनाने के लिए पंडाल मंडल के साथ जा सकते हैं या उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर सभी कार्यवाही का पालन कर सकते हैं. इस साल यहां 4 फीट से ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

2- अंधेरीचा राजा, मुंबई (Andhericha Raja in Mumbai)

अंधेरीचा राजा या अंधेरी के राजा अपने आप में अद्वितीय है. अंधेरी पश्चिम के वीरा देसाई रोड पर स्थित आजाद नगर सार्वजनिक उत्सव समिति द्वारा स्थापित की जाने वाली गणपति बप्पा की भव्य प्रतिमा को अनंत चतुर्दशी के बजाय संकष्टी चतुर्थी के दिन विसर्जित किया जाता है. इस साल कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गणेशोत्सव को सादगी से मनाया जाएगा. इस मंडल की स्थापना पहली बार साल 1966 में हुई थी. अंधेरीचा राजा के ऑफिशियल लिंक के लिए यहां क्लिक करें.

3- चिंचपोकलीचा चिंतामणि, मुंबई (Chinchpoklicha Chintamani in Mumbai)

परेल के 101 वर्षीय चिंचपोकलीचा राजा गणेश चतुर्थी 2021 समारोह का आयोजन किया जाएगा. हालांकि इस उत्सव का आयोजन सादगी से किया जाएगा. यह मंडल अपने कार्यालय में चांदी की मूर्ति की पूजा करेगा. मुंबई के चिंचपोकली में स्थित सबसे पुराने मंडल का अति सुंदर पंडाल अपने भव्य डिजाइन और सजावट के लिए प्रसिद्ध है. इसकी स्थापना पहली बार 1920 में की गई थी. आप चिंचपोकली के चिंचामणि में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लेटेस्ट अपडेट को पाने के लिए मंडल के ऑफिशियल वेबसाइट के अलावा उनके इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज को फॉलो कर सकते हैं.

4- खेतवाड़ी चा राजा, मुंबई (Khetwadi Cha Raja in Mumbai)

खेतवाड़ी चा राजा की 1959 में स्थापना की गई थी. खेतवाड़ी के गणपति बप्पा की प्रतिमा मनमोहक और आकर्षक होती है. यहां गणपति बप्पा को सोने के असली आभूषणों और हीरों से सजाया जाता है. मंडल आवश्यक प्रतिबंधों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस साल गणेशोत्सव समारोह का आयोजन करने जा रहा है. खेतवाड़ी चा राजा मंडल का आफिशियल वेबसाइट. 

5- श्री कस्बा गणपति, पुणे (Shri Kasba Ganpati in Pune)

पुणे स्थित श्री कस्बा गणपति को मानाचा पहिला गणपति या सबसे सम्मानित गणपति भी कहा जाता है. मूर्ति पुणे में सबसे लोकप्रिय मंडल होने का दर्जा रखती है. इस मंडल द्वारा पहली बार गणपति बप्पा के प्रतिमा की स्थापना 1893 में की गई थी. पुणे के कस्बा पेठ में स्थित कस्बा गणपति मंडल द्वारा आयोजित होने वाले गणेशोत्सव की तमाम जानकारियों को पाने के लिए इसके ऑफिशियल वेबसाइट पर आप जा सकते हैं. यह भी पढ़ें: Ganpati Sthapana 2021: 10 सितंबर को पधार रहे हैं गणपति बप्पा! घर ला रहे हैं गणपति तो जानें स्थापना, आह्वान, प्राण प्रतिष्ठा, भोग एवं विसर्जन के समय पढ़े जाने वाले मंत्र!

6- गुरुजी तालीम गणपति, पुणे (Guruji Talim Ganpati in Pune)

गुरुजी तालीम गणपति पुणे में सबसे पुराने मंडलों के रूप में जाने जाते हैं. गुरुजी तालीम गणपति की स्थापना 1887 में हुई थी, जो लोकमान्य तिलक द्वारा गणेश उत्सव को पुनर्जीवित करने से पहले की बात है. गणपति चौक, लक्ष्मी रोड़, पुणे में स्थित मूर्ति को उत्सव के अंतिम दिन विसर्जन जुलूस में तीसरी वरियता दी जाती है. गुरुजी तालीम गणपति, पुणे का ऑफिशियल फेसबुक पेज. 

सार्वजनिक स्थानों पर गणपति मंडलों के लिए मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए. सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, बीएमसी ने इस साल गणेशोत्सव के लिए सिर्फ 519 मंडलों को गणपति पंडाल स्थापित करने की अनुमति दी है. मुंबई पुलिस ने अपने गणेश चतुर्थी दिशानिर्देशों में गणपति मंडलों से भक्तों के लिए ऑनलाइन दर्शन को बढ़ावा देने का आग्रह किया है. ऐसे में भी अगर भक्त मंडलों में जाकर गणपति बप्पा के दर्शन करना चाहते हैं तो भीड़ से बचने के लिए टोकन सिस्टम और शेड्यूल की व्यवस्था करने की अपील की गई है. गणपति विसर्जन पर जुलूस को प्रतिबंधित किया गया है. पूरे राज्य में गणपति उत्सव के सफल आयोजन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.