Gandhi Jayanti 2023 Quotes in Hindi: आज (2 अक्टूबर 2023) देशभर में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) मनाई जा रही है. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1896 को गुजरात (Gujarat) के पोरबंदर में हुआ था, इसलिए उनके जन्मदिन को देशभर में गांधी जयंती के तौर पर मनाया जाता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लोग प्यार से बापू (Bapu) कहकर भी संबोधित करते हैं. इतिहासकारों की मानें को अंग्रेजों से देश की आजादी की लड़ाई (Freedom Fight) में गांधी जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उनके अथक प्रयासों के चलते ही देश को अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों से आजादी मिली थी. गांधी जी की पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था. महज 13 साल की उम्र में ही गांधी जी का विवाह कस्तूरबा गांधी से हो गया था. भारत में अपनी डिग्री की पढाई पूरी करने के बाद वे लंदन चले गए जहां उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की.
साल 1916 में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटने के बाद महात्मा गांधी ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने अंग्रेजों से भारत की आजादी के लिए असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ों आंदोलन जैसे आंदोलन किए. सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले बापू जितने महान स्वतंत्रता सेनानी थे, उनके विचार भी उतने ही प्रेरणादायी हुआ करते थे. ऐसे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर आप उनके इन 10 प्रेरणादायी विचारों को अपनों संग शेयर करके बापू को याद कर सकते हैं.
1- आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते.
2- व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है.
3- आजादी का कोई अर्थ नहीं है अगर उसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हो.
4- पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं.
5- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन.
6- कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है, क्योंकि क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.
7- धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है.
8- कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है, यह तो बहादुर की निशानी है.
9- ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.
10- गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में है, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.
बताया जाता है चौरी चौरा कांड की वजह से गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था, जिसे लेकर उन्होंने कहा था कि हमें आंदोलन के दौरान हिंसा का सहारा नहीं लेना था. उन्होंने 12 मार्च 1930 को गुजरात के अहमदाबाद शहर से दांडी यात्रा की शुरुआत की थी जो 29 दिनों तक चली थी. इसके बाद सन 1942 में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन चलाया, जिसे सभी देशवासियों का सहयोग प्राप्त हुआ. इस आंदोलन के करीब 5 साल बाद 1947 में भारत को आखिरकार अंग्रेजों से आजादी मिल गई.