Eid-al-Adha Mubarak 2020 Wishes & Images In Hindi: इस्लाम धर्म में बकरीद (Bakrid) का विशेष महत्व है और दुनिया भर के मुसलमान इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. इस पर्व से जुड़ी इस्लामिक मान्यता के अनुसार, पैगंबर हजरत इब्राहिम (Prophet Hazrat Ibrahim) ने अपने बेटे हजरत इस्माइल (Hazrat Ismail) की इसी दिन अल्लाह के आदेश पर कुर्बानी दी थी, लेकिन कुर्बानी के समय उनके जज्बे और संकल्प को देखकर अल्लाह ने इब्राहिम के बेटे को जीवन दान दिया और उनके बेटे की जगह बकरे को कुर्बानी में बदल दिया, इसलिए बकरीद के त्योहार को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है और इस दिन बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा निभाई जाती है. बकरीद को ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) और बकरा ईद (Bakra Eid) भी कहा जाता है.
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार 1 अगस्त को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाएगा. इस दिन लोग एक-दूसरे को गले लगाकर ईद मुबारक कहते हैं, लेकिन कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक तौर पर लोग इकट्ठा होकर इस उत्सव को नहीं मना पाएंगे. हालांकि सोशल मीडिया के जरिए आप इन खूबसूरत फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, इमेजेस, एचडी फोटोज के जरिए अपनों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद (Eid-al-Adha Mubarak) दे सकते हैं.
1- ईद-उल-अजहा 2020
2- ईद-उल-अजहा 2020
Eid-al-Adha Mubarak 2020 Wishes & Images: ईद-उल-अजहा की अपनों को दें मुबारकबाद, भेजें ये खूबसूरत हिंदी Facebook Messages, WhatsApp Status, GIF Greetings, Wallpapers और एचडी फोटोज
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार 1 अगस्त को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाएगा, लेकिन कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक तौर पर लोग इकट्ठा होकर इस उत्सव को नहीं मना पाएंगे, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए आप इन खूबसूरत फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, इमेज, एचडी फोटोज के जरिए अपनों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दे सकते हैं.
Eid-al-Adha Mubarak 2020 Wishes & Images In Hindi: इस्लाम धर्म में बकरीद (Bakrid) का विशेष महत्व है और दुनिया भर के मुसलमान इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. इस पर्व से जुड़ी इस्लामिक मान्यता के अनुसार, पैगंबर हजरत इब्राहिम (Prophet Hazrat Ibrahim) ने अपने बेटे हजरत इस्माइल (Hazrat Ismail) की इसी दिन अल्लाह के आदेश पर कुर्बानी दी थी, लेकिन कुर्बानी के समय उनके जज्बे और संकल्प को देखकर अल्लाह ने इब्राहिम के बेटे को जीवन दान दिया और उनके बेटे की जगह बकरे को कुर्बानी में बदल दिया, इसलिए बकरीद के त्योहार को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है और इस दिन बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा निभाई जाती है. बकरीद को ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) और बकरा ईद (Bakra Eid) भी कहा जाता है.
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार 1 अगस्त को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाएगा. इस दिन लोग एक-दूसरे को गले लगाकर ईद मुबारक कहते हैं, लेकिन कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक तौर पर लोग इकट्ठा होकर इस उत्सव को नहीं मना पाएंगे. हालांकि सोशल मीडिया के जरिए आप इन खूबसूरत फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, इमेजेस, एचडी फोटोज के जरिए अपनों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद (Eid-al-Adha Mubarak) दे सकते हैं.
1- ईद-उल-अजहा 2020
2- ईद-उल-अजहा 2020
3- ईद-उल-अजहा 2020
4- ईद-उल-अजहा 2020
5- ईद-उल-अजहा 2020
दरअसल, बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन होता है, इसलिए लोग सुबह मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी देते हैं और उसके गोश्त को तीन भागों में विभाजित किया जाता है. तीन हिस्सों में से एक हिस्सा खुद के लिए, दूसरा हिस्सा दोस्तों-रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबihxJsqTJkyhTqlzJsqXLlzBjypxJs6bNmzhz6tzJs6fPn0CDCh1KtKjRo0iTKl3KtKnTp1CjSp1KtarVq1izat3KtavXr2DDih1LtqzZs2jTql3Ltq3bt3Djyp1Lt67du3jz6t3Lt6/fv4ADCx5MuLDhw4gTK17MuLHjx5AjS55MubLly5gza97MubPnz6BDix5NurTp06hTq17NurXr17Bjy55Nu7bt27hz697Nu7fv38CDCx9OvLjx48iTK1/OvLnz59CjS59Ovbr169iza9/Ovbv37+DDix9Pvrz58+jTq1/Pvr379/Djy59Pv779+/jz69/Pv7////8ABijggAQWaOCBCCao4IIMNujggxBGKOGEFFZo4YUYZqjhhhx26OGHIIYo4ogklmjiiSimqOKKLLbo4ouLFSDjjDTWaOONOOZYI4y9zBjAAAQIIOSQRBZp5JFICkDAkgQMEMCMPObiY5EAVGnllVhmqeWWWg4AZZS1yDgAlQJwaeaZaAIggIxg0iJmkmnGKaeabLYJi4wGwFnmnHxy6WUBdr7yZpJ79mkolnUGykoBeRIqpJqHRvqkoq0w6uiQkUbqJaWLBnBpmYVmOuemnKpSgKefgirqnAQAWmoqpyKZJaarxtnqq7CiWiSTvIL6qJVK8rpkqFsKO+yVt+J6Sqz/Rhpgo6qhrmmjAWc+aSMByLqqbCmnBlmkszViS+SVf9Y4gJ83BoBlstuSEqu3Q4JLo6+PFirvvFveSO262rYryrvfXqsmrVa2Oq2W1oabJbv+htJtkPDeK6O4VFqZMI3nZmujugv32/AnDw8rpMQFwGuklThiSXIBxFbJ8MeehKzkyAKfrGq5NHIMwMUzZtwxzA4HICzN4RJq8Y3YGlzjvlq+DPQmIUd87aV0HszzxFw6/XQmUQ9LsslHHj1tumZqvfUlXSv59adVrnzjmWafXUnaBKztKKQ45+hzsR7LjbbQxtpN9c46Mopm3H5L0vWSglMtbY7Ywt134pQsXvfU/6mWmXfOaSJO+SOWNz74ykxL/jkmoWOeOQCbF7B32ZOfDknqRWeu+Y2vZx277I7QTiPYVLeeO9+8zw24sGsDD6fwtu5e/CKnAom86qmyjnvzz0/SrfRMJr868507nz0i0TfJK8kGpK/++urreruNwzct/viGRA8k924XzjKm4B8+P/2EsB/3Lqe/aY2rf6YDYO9+NIAGSi9/OmrUoxAIOwUu0IH4K6AB+Xe98FmwEQLEIAR1dMAO+u+DjAhhAwkQgBa68IUwjOGuYvgjSCUQhYlQ4QqNxUPbYYlgWyIVDslnAAxikIdIVN7q0DXEHLrOiEdMYg9tB0QsTaqJhxATFP8daD4pMmlmPmwZyv6HRT3gaYtcHKAXwUjFLP2pjFl8Ihq76EWRtZFY0oIj+eSIRjXWkYqqqpoe96jDNNZxWBADpPUSNcj6yYiBfTyiH/8IPCd9qZFO1KAmN3lJTHryk6AMpShHScpSmvKUqEylKlfJyla68pWwjKUsZ0nLWtrylrjMpS53ycte+vKXwAymMIdJzGIa85jITKYyl8nMZjrzmdCMpjSnSc1qWvOa2MymNrfJzW5685vgDKc4x0nOcprznOhMpzrXyc52uvOd8IynPOdJz3ra8574zKc+98nPfvrznwANqEAHStCCGvSgCE2oQhfK0IY69KEQjahEJ0qH0Ypa9KIYzahGN8rRjnr0oyANqUhHStKSmvSkKE2pSlfK0pa69KUwjalMZ0rTmtr0pjjNqU53ytOe+vSnQA2qUIdK1KIa9ahITapSl8rUpjr1qVCNqlSnStWqWvWqWM2qVrfK1a569atgDatYx0rWspr1rGhNq1rXyta2uvWtcI2rXOeKwwQAADs=" data-src="https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/07/Eid-al-adha2.jpg" alt="" width="1200" height="" />
2- ईद-उल-अजहा 2020
3- ईद-उल-अजहा 2020
4- ईद-उल-अजहा 2020
5- ईद-उल-अजहा 2020
दरअसल, बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन होता है, इसलिए लोग सुबह मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी देते हैं और उसके गोश्त को तीन भागों में विभाजित किया जाता है. तीन हिस्सों में से एक हिस्सा खुद के लिए, दूसरा हिस्सा दोस्तों-रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबों व जरूरतमंदों के लिए रखा जाता है. बकरीद का पर्व इस्लाम धर्म के लोगों को यह पैगाम देता है कि दूसरों की बेहतरी के लिए अपनी सबसे अजीज चीज को भी अल्लाह की राह में कुर्बान करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.