Eid 2020 Celebration: शाहनवाज हुसैन सहित आम लोगों ने घरों में अदा की ईद की नमाज, मुस्लिम धर्म गुरुओं ने ऐसे दी ईद-उल-फितर की मुबारकबाद, देखें देश के अलग-अलग हिस्सों की तस्वीरें
ईद-उल-फितर 2020 की नमाज (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: रमजान (Ramadan) का मुक्कदस महीना खत्म हो गया है और आज शव्वाल (Shawwal) के पहले दिन ईद का त्योहार मनाया जा रहा है. दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) यानी मीठी ईद (Meethi Eid) का त्योहार बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि रमजान के पूरे महीने रोजे रखने और अल्लाह की इबादत करने के बाद मुसलमानों को ईद (Eid) का यह खूबसूरत तोहफा मिलता है. वैसे तो हर साल ईद का जश्न दुनिया भर के मुसलमान धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) और लॉकडाउन (Lockdown) की बंदिशों के चलते लोग अपने घरों में ईद का त्योहार बेहद सादगी से मना रहे हैं. चाहे राजनीति के दिग्गज नेता हो, मुस्लिम धर्म गुरु हों या फिर आम मुसलमान, हर कोई अपने घरों में रहकर ईद-उल-फितर का पर्व मना रहा है.

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने अपने घर में ईद की नमाज अदा की तो मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मस्जिद में ईद की नमाज अदा करके लोगों ईद की मुबारकबाद दी, जबकि मस्जिदें बंद होने के कारण देश के अन्य मुसलमान अपने घरों में ही ईद की नमाज पढ़ते नजर आए.

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने दी देशवासियों को ईद की मुबारकबाद 

लॉकडाउन के बीच अपने आवास पर ईद की नमाज अदा करके मुख्तार अब्बास नकवी

सिलीगुढ़ी: सिर्फ पांच लोगों को मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत

लखनऊ: मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों के साथ नमाज अदा की

अगरतला: मौलाना अब्दुल रहमान ने दी ईद की शुभकामनाएं 

चेन्नई: हाईकोर्ट के क्लर्क सैयद नवाब चांद ने मस्जिद के बाहर की प्रार्थना

कर्नाटक: हुबली में अपने घरों में ईद की नमाज अदा करते लोग

प्रयागराज: ईद के मौके पर लोगों ने अपने घरों में ईद की नमाज अदा की

दिल्ली: पुरानी दिल्ली में अपने घरों में ईद की नमाज अदा करते लोग

मुरादाबाद: सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर ईद की नमाज अदा करते लोग

गौरतलब है कि इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है. चांद रात की अगली सुबह लोग मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं, फिर एक-दूसरे के गले लगकर मुबारकबाद देते हैं, लेकिन लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का पालन करते हुए इस बार न तो लोग मस्जिदों में नमाज पढ़ रहे हैं और न ही एक-दूसरे के गले मिलकर मुबारकबाद दे रहे हैं. बस अपने घरों में रहकर परिवार वालों के साथ सादगी से इस त्योहार को मना रहे हैं.