बाल दिवस भारत 2019: 20 नवंबर से 14 को क्यों मनाया जाने लगा चिल्ड्रेन्स डे, जानें इसका पूरा इतिहास
पंडित जवाहरलाल नेहरू (Photo Credit - Twitter )

बाल दिवस भारत 2019: भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है. जवाहरलाल नेहरू को 'चाचा नेहरू' कहा जाता था. उनका जन्म आज ही के दिन यानी 14 नवंबर 1889 में हुआ था. जवाहरलाल नेहरू को बच्चों के प्रति उनके प्रेम के लिए जाना जाता था, यही वजह है कि 14 नवंबर को उनका जन्मदिन प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. वे भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश पर सबसे लंबे समय तक शासन किया. वह शांति के महान अनुयायी थे. पंडित जवाहरला नेहरू की जयंती भारत के लिए एक त्योहार है. चाचा नेहरू न सिर्फ अपने राजनीतिक करियर के लिए और देश की सेवा के लिए जाने जाते हैं. वो बच्चों के बीच बहुत प्रसिद्ध थे और उन्हें लाल गुलाब बहुत पसंद था.

भारत में बाल दिवस 1956 से मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु से पहले चिल्ड्रेन्स डे 20 नवंबर को मनाया जाता था. उनकी मृत्यु के बाद सर्वसम्मति से बाल दिवस 20 नवंबर से बदलकर 14 नवंबर को मनाया जाने लगा.

20 नवंबर से 14 नवंबर को क्यों मनाया जाने लगा बाल दिवस? 

बाल दिवस 20 नवंबर से 14 नवंबर इसलिए मनाया जाने लगा क्योंकि चाचा नेहरू को बच्चों से प्यार और लगाव तो था ही उन्होंने भारत के युवाओं के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा, प्रगति, कल्याण के लिए बहुत काम किया. उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की. भारत में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्कूली बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा, दूध सहित मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया.

बाल दिवस की नींव 1925 को रखी गई थी

बाल दिवस मनाने का प्रस्ताव साल 1925 में ही रखा गया था, लेकिन दुनिया भर से इसे मान्यता 1953 में मिली. 20 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बाल दिवस मनाने की घोषणा की, जिसके बाद भारत में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा. लेकिन कई देशों में इसे अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है. जैसे की 1950 का बाल संरक्षण दिवस (Child protection Act) 1 जून को कई देशों में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

आजादी के बाद 1959 में मनाया गया पहला बाल दिवस

अंग्रेजो से आजादी मिलने के बाद देश में साल 1959 में पहला बाल दिवस मनाया गया. लेकिन 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, बाल दिवस समारोह की तारीख 20 नवंबर से 14 नवंबर कर दी  गई. लेकिन फिर भी दुनिया के कई देश 20 नवंबर को बाल दिवस मनाते हैं.

भारत में बाल दिवस मनाने का कारण

बच्चों के अधिकारों, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल बाल दिवस मनाया जाता है. बच्चे देश की सफलता और विकास की कुंजी हैं. जवाहरलाल नेहरू भी बच्चों से प्यार करते हैं और वह हमेशा उनके बीच रहना पसंद करते थे. भारत की स्वतंत्रता के बाद उन्होंने बच्चों और युवाओं के लिए बहुत अच्छे काम किए. जब वे प्रधान मंत्री बने, उनकी पहली प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा थी.

चाचा नेहरू के अनुसार बच्चे देश का उज्ज्वल भविष्य हैं. केवल सही शिक्षा, देखभाल और प्रगति से हम उन्हें एक नया जीवन दे सकते हैं. इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू की साल 1964 में मृत्यु के बाद उन्हें याद करने के लिए भारत में उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.