नई दिल्ली, 6 दिसंबर : पंजाब (Punjab) में पीएम मोदी की सूरक्षा में चूक (PM Modi security breach) होने के बाद उनकी सुरक्षा में तैनात SPG सिक्योरिटी और उनके प्रोटोकॉल (Prime minister Protocol) पर चर्चा तेज हो गई है. आपको बता देंं कि प्रधानमंत्री को खास एसपीजी सुरक्षा (SPG Security) मिलती है. ये सुरक्षा जेड प्लस सिक्योरिटी से भी काफी अलग होती है. SPG को देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में एक माना जाता है. Punjab: पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक, 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा काफिला, फिरोजपुर की रैली भी स्थगित
SPG का गठन
एसपीजी का गठन साल 1988 में हुआ था. साल 1981 से पहले भारत के प्रधानमंत्री के आवास की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के उपायुक्त की होती थी. 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक कमेटी बनी और 1988 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) बनाया गया. तब से SPG के पास ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है.
मॉडर्न हथियार से लैस होते हैं SPG कमांडो
देश की सुरक्षा एजेंसी (Security Agency) एसपीजी पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है. एसपीजी में करीब 3000 जवान हैं. जिन्हें स्पेशल ट्रेनिंग (Special Training) दी जाती है और इनके पास एडवांस हथियार होते है. एसपीजी कमांडो बिजनेस सूट, खास तरीके के चश्मे और ईयरपीस पहने रहते हैं. इन कमांडो के पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे मॉडर्न हथियार होते हैं. ये हमेशा चौकन्ने रहते हैं. कमांडो अपनी सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं और ईयर प्लग और वॉकी-टॉकी के जरिए साथी कमांडो से लगातार संपर्क में रहते हैं.
किसे मिलती है SPG सुरक्षा?
अब सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को ही एसपीजी सुरक्षा मिलती है. पहले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवारों वालों को भी यह सुरक्षा मिलती थी, जिसे अब हटा लिया गया है. सार्वजनिक कार्यक्रम में एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ रहते हैं और उनके साथ-साथ चलते हैं. उनकी निगाह आस-पास के हर गतिविधियों पर रहती है.
पीएम का सुरक्षा घेरा
प्रधानमंत्री के निजी सिक्योरिटी गार्ड सुरक्षा घेरे की दूसरी पंक्ति में तैनात रहते हैं. तीसरे सुरक्षा चक्र में नेशनल सुरक्षा गार्ड (NSG ) के जवान होते हैं. चौथे चक्र में अर्द्धसुरक्षा बल के जवान और राज्यों के पुलिस अधिकारी होते हैं. प्रधानमंत्री के काफिले में टेक्नीकल कार, VVIP कार, जैमर वाहन और एंबुलेंस के अलावा अन्य कार शामिल होती हैं.
कैसे तय होता है कार्यक्रम
जब प्रधानमंत्री किसी राज्य में जाते हैं, तो उनका रूट करीब 7 घंटे पहले तय होता है. साथ ही वैकल्पिक मार्ग भी तय रहते हैं. एसपीजी 4 भागों में काम करती है. ऑपरेशन्स, ट्रेनिंग, इंटेलिजेंस एंड टूर्स और एडमिनिस्ट्रेशन. SPG पीएम के तय रूट और कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा की जानकारी लेते हैं और पूरी तरह से व्यवस्था देखने के बाद पीएम वहां पहुंचते हैं. प्रधानमंत्री के रूट को तय कर उसकी जांच और उस रूट पर सुरक्षा देने का काम स्थानीय पुलिस और प्रशासन का ही होता है. स्थानीय पुलिस के सहयोग से SPG पीएम की सुरक्षा संभालती है.