जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) में बदलाव किए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने बौखलाहट में आकर कई उलजुलूल फैसले कर रहा है. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके साथ 50 देश हैं जो जम्मू-कश्मीर पर हमारा समर्थन करते हैं. लेकिन इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को फिर शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर पाकिस्तान के प्रस्ताव को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला. पाक ने 50 से अधिक देशों का समर्थन मिलने का दावा किया था. पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय रंग देने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है.
बता दें कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ जाने के बीच पाकिस्तान ने कई उलजुलूल फैसलें लिए है, जिसमें रूस में चल रहे शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के अभ्यास के दौरान आज पाकिस्तान का सांस्कृतिक दिवस का कार्यक्रम था. लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) ने तमाम राजनयिक मानदंडों को तोड़ते हुए भारत को इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया. पाकिस्तान (Pakistan) के इस रवैये के पीछे का कारण भारत का कश्मीर (Kashmir) को लेकर लिया गया फैसला है.
#जम्मूकश्मीर को लेकर पाकिस्तान को फिर शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर पाकिस्तान के प्रस्ताव को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला। पाक ने 50 से अधिक देशों का समर्थन मिलने का दावा किया था
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) September 20, 2019
वहीं पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को उसके हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की इजाजत देने को मना कर दिया था.पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक वीडियो साक्षात्कार में कहा कि भारत की ओर से आग्रह किया गया था कि 20 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी के विमान को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर जर्मनी की तरफ उड़ान भरने की इजाजत दी जाए, जब मोदी अपने अमेरिकी दौरे पर जाएंगे और 28 सितम्बर को उनकी वापसी यात्रा में भी यह अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा, "कश्मीर और भारत के रुख को ध्यान में रखते हुए और मानवाधिकार का उल्लंघन के मामले को देखते हुए हमने उड़ान भरने की इजाजत नहीं देने का फैसला लिया है.