नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न से जुड़े विडियो के सोशल मीडिया पर मौजूदगी से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए गूगल, फेसबुक, याहू, माइक्रोसॉफ्ट और व्हॉट्सऐप पर एक-एक लाख का जुर्माना ठोका है. इससे पहले कोर्ट ने सभी कंपनियों से ऐसे वीडियो को ब्लॉक करने के कदमों के बारे में जानकारी मांगी थी.
बता दें की कठुआ मामले में रेप पीड़िता बच्ची की पहचान और फोटो सार्वजनिक होने के बाद कोर्ट ने गूगल, फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. लेकिन कोई उत्तर न मिलने पर कोर्ट ने इन पर यह जुर्माना लगाया है. सर्वोच्च न्यायालय ने इन कंपनियों से 15 जून तक हलफनामा दाखिल कर इस बारे में जवाब देने के लिए कहा है.
एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की इस आठ वर्षीय बच्ची की पहचान उजागर करने पर सोशल मीडिया ने देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है. यह देश व पीड़िता के परिवार के प्रति अन्याय है. सोशल मीडिया वॉट्सएप आदि पर गलत ढंग से पीड़िता की फोटो व अन्य जानकारियां शेयर की गईं.
वहीँ सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्रियों के शेयर होने के बढ़ते चलन के बाद केंद्र सरकार भी नकेल कसने की तैयारी कर रहा है. और इसी क्रम में केंद्र सरकार कि ऑनलाइन साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल का बीटा वर्जन लॉन्च किया गया है और इसे 15 जुलाई को या इससे पहले ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा. गृह मंत्रालय इस मामले में को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से समन्वय स्थापित कर रहा है.