Mahakal Corridor Ujjain Video: उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर लगभग बनकर तैयारी हो गया है. आगामी 11 अक्टूबर को प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे. इससे पहले कॉरिडोर का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन पहुंचे.
इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत पूर्ण हुए कार्यों का निरीक्षण करने के बाद चौहान ने कहा कि पहले चरण को 316 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. महाकालेश्वर कॉरिडोर के अंदर भगवान शिव की 200 फुट की प्रतिमा होगी. प्रतिमा स्थापित करने का काम भी शुरू हो गया है. इसके साथ ही 108 भव्य पिलर भी लगाए जाएंगे. पिलर में खूबसूरत लाइटें भी लगाई जा रही हैं.
महाकाल कारिडोर का ड्रोन से लिया वीडियो और तस्वीरें सामने आई है, जिससे इसकी भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है. कहा जा रहा है कि यह कॉरिडोर काशि विश्वनाथ मंदिर में बनाए गए कॉरिडोर से भी बड़ा है. इस कॉरिडोर को बनाने में 750 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
महाकाल मंदिर कॉरिडोर की छटा अद्भुत, अविस्मरणीय और अलौकिक है।
बाबा महाकाल की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे। यही कामना, यही प्रार्थना है।
🙏जय बाबा महाकाल🙏
इस दिव्य और भव्य कॉरिडोर का लोकार्पण देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi 11 अक्टूबर को करेंगे: CM pic.twitter.com/qeR5Cq7akO
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 19, 2022
महाकाल मंदिर के साथ लगे रुद्रसागर के पास इस कॉरिडोर को बनाया गया है. यहां पत्थरों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है और आकर्षक लाइटिंग की गई है. रात के समय इस कॉरिडोर की भव्यता देखते ही बनती है.
उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का पहला चरण पूरा. 11 अक्टूबर को पीएम उज्जैन आकर करेंगे लोकार्पण. कुछ इस तरह दिखेगा महाकालेश्वर मंदिर का विस्तारित परिसर. #Ujjain #mahakal #Mahakaleshwar #Mahakalcorridor @MPTourism pic.twitter.com/znrQHjzYWz
— Dr Kapil Sharma (@Kapil_news) September 19, 2022
महाकाल मंदिर कारिडोर में 18 हजार बड़े पौधे लगाए जा रहे हैं. आंध्रप्रदेश से रूद्राक्ष, बिल्व पत्र और शमी के पौधे मंगाए हैं. त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे 920 मीटर लंबा महाकाल कॉरिडोर, दो भव्य प्रवेश द्वार, कमल तालाब, सप्त ऋषि वन, नवग्रह वाटिका, महाकाल प्लाजा, रुद्रसागर समुद्र तट सौंदर्यीकरण, प्रसाद, टिकट काउंटर, नूतन विद्यालय परिसर, गणेश विद्यालय परिसर का निर्माण पूरा हो गया है.
गलियारे में 25 फीट ऊंची और 500 मीटर लंबी लाल पत्थर की दीवार में शिव महापुराण में वर्णित घटनाओं के आधार पर भित्तिचित्र हैं. वहीं 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव की विभिन्न मुद्राएं बनी हुई हैं.