जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक लेकिन सहमति के बाद नहीं कहा जा सकता बलात्कार: इलाहाबाद हाई कोर्ट
Allahabad High Court (Photo Credits: File Photo)

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में जीजा और साली (पत्नी की बहन) के रिश्ते को लेकर एक अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने इसे "अनैतिक" करार दिया, लेकिन कहा कि अगर महिला बालिग है, तो यह रिश्ता बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता. यह टिप्पणी कोर्ट ने एक ऐसे मामले में की, जिसमें जीजा पर अपनी साली को बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर भगाने और बलात्कार का आरोप लगा था.

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क्या था मामला?

जीजा पर आरोप था कि उसने अपनी साली को शादी का झांसा देकर भगाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. यह मामला तब दर्ज हुआ, जब इस संबंध की जानकारी साली के परिवार वालों को हुई. महिला बालिग थी और उसने पहले अपने बयान में इन आरोपों से इनकार किया, लेकिन बाद में अपने बयान को बदलते हुए आरोपी के साथ संबंध होने की बात स्वीकार की.

कोर्ट का फैसला

जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने माना कि जीजा और साली का रिश्ता सामाजिक और नैतिक दृष्टि से गलत है. कोर्ट ने कहा महिला बालिग थी और इस रिश्ते में सहमति से शामिल हुई थी, इसलिए यह बलात्कार के अपराध के दायरे में नहीं आता.

आरोपी की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने और जुलाई 2024 से हिरासत में होने के कारण कोर्ट ने उसे जमानत दे दी.

आरोपी जीजा पर IPC की धारा 366 (बहला-फुसलाकर भगाना), 376 (बलात्कार) और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट ने यह माना कि महिला ने अपनी मर्जी से यह रिश्ता बनाया था और उसके बालिग होने के कारण यह मामला बलात्कार का नहीं बनता.