नई दिल्ली. असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों को लेकर बीजेपी महासचिव राम माधव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिनका नाम सूची में नहीं होगा उनका मताधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा. राम माधव ने यह बयान के कार्यक्रम दौरान दिया है. उनके इस बयान से फिर सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है.
राम माधव ने कहा कि1985 में हुए असम समझौते के तहत एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी. उन्होंने कहा, एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी. अगल कदम ‘मिटाने’ का होगा, यानी अवैध प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे और उन्हें सभी सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाएगा.
3 steps will be taken after NRC. Detect, Delete & Deport. NRC will ensure detection of illegal immigrants. Next step will be disenfranchise- deletion of names of illegal immigrants from voters list & deprive them from govt benefits. 3rd stage will be deportation: Ram Madhav(10.9) pic.twitter.com/4jUKaQgRRt
— ANI (@ANI) September 10, 2018
असम के मुख्यमंत्री बोले- NRC...
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि यह ऐसा दस्तावेज है जो सभी भारतीयों का संरक्षण कर सकता है. असम में एनआरसी में शामिल नहीं किए जाने वाले लोग अन्य राज्यों में जा सकते हैं. इसलिए हमें ठोस कदम उठाना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के वाजिब नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने और एनआरसी की अंतिम सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा.
Illegal immigrants are a challenge for us & to answer this challenge, NRC needs to be implemented in all the states. It's a document through which we can protect all Indians. Those who will be excluded from NRC in Assam can go to other states: Assam CM Sarbananda Sonowal(10.9.18) pic.twitter.com/2FmgwB5OnS
— ANI (@ANI) September 10, 2018
गौरतलब हो कि 30 जुलाई को असम में एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट जारी किया गया. इसके तहत 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक माना गया. जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं. बता दें कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अंतिम मसौदे में 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं. टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ने बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है.