कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा, जिसका नाम संध्या साहनी है. उसकी एक तस्वीर शेयर किया. जिसमें स्कूल ड्रेस में लड़की स्कूल जा रही है. राहुल गांधी ने लड़की के बारे में कहा कि यह बच्ची संध्या बेहद मुश्किल परिस्थिति में भी स्कूल जा रही है. जिस समय प्रशासन ठप पड़ा हुआ है और भविष्य अनिश्चित है, संध्या का साहस बहुत कुछ सिखाता है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा छात्रा की तस्वीर शेयर किये जाने के बाद गांव के लोग संध्या की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन छात्रा के पास स्मार्ट फोन नहीं होने की वजह वह अभी तक उनके द्वारा शेयर किये गए फोटो को देख नहीं पाई है.
संध्या साहनी (Sandhya Sahani) ने अमर उजाला से बातचीत में जरूर अपनी परेशानी को बताया. संध्या ने कहा कि इस बात की जानकारी उसे अपने दोस्तों से पता चला है कि राहुल गांधी ने उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है. इससे वह बहुत खुश है. उनके दोस्त अब उन्हें विशेष सम्मान वाली दृष्टि से देख रहे हैं, लेकिन उसे पता है कि सोमवार सुबह दोबारा नाव चलाकर स्कूल जाना पड़ेगा. संध्या ने अपने बारे में बताया कि वह इस समय साइंस साइड मैथ्स ग्रुप से 11वीं की पढ़ाई कर रही हैं. पढ़ाई करके वह आगे चलकर रेलवे में नौकरी करना चाहती है. क्योंकि रेलवे में नौकरी करना उन्हें पसंद है. यह भी पढ़े: सीढ़ियों से नीचे गिरा फोटोग्राफर, राहुल गांधी ने हाथ पकड़कर उठाया, देखें Video
ये बच्ची मुश्किल परिस्थिति, ठप प्रशासन व अनिश्चित भविष्य होने पर भी हिम्मत नहीं हारी।
संध्या का साहस बहुत कुछ सिखाता है। #शिक्षक_दिवस #TeachersDay pic.twitter.com/uuZ5ubcdfH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 5, 2021
छात्रा गोरखपुर के गांव दक्षिणी बहरामपुर की रहने वाली हैं. उसके पिता ने बताया कि उनकी बेटी का स्कूल पांच किलोमीटर दूर शहर में है. बाकी दिनों में घर से कुछ दूर दूर पैदल जाकर ऑटो से स्कूल पहुंचती है. लेकिन बारिश के चलते आई बाढ़ की वजह से चारों ओर पानी भरा हुआ है. ऐसे में स्कूल आने-जाने का कोई साधन नहीं है, इसलिए बेटी नाव चलाकर स्कूल जाती है.
संध्या माता-पिता के चार बच्चों में सबसे बड़ी हैं. उसके पिता ने संध्या के बारे में कहा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए जो भी करना चाहेगी, वे उसे पूरा करने में अपने स्तर पर हर संभव मदद करेंगे.
छात्रा गोरखपुर के गांव दक्षिणी बहरामपुर की रहने वाली हैं. उसके पिता ने बताया कि उनकी बेटी का स्कूल पांच किलोमीटर दूर शहर में है. बाकी दिनों में घर से कुछ दूर दूर पैदल जाकर ऑटो से स्कूल पहुंचती है. लेकिन बारिश के चलते आई बाढ़ की वजह से चारों ओर पानी भरा हुआ है. ऐसे में स्कूल आने-जाने का कोई साधन नहीं है, इसलिए बेटी नाव चलाकर स्कूल जाती है.
संध्या माता-पिता के चार बच्चों में सबसे बड़ी हैं. उसके पिता ने संध्या के बारे में कहा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए जो भी करना चाहेगी, वे उसे पूरा करने में अपने स्तर पर हर संभव मदद करेंगे.