नई दिल्ली: कोयले की कमी (Coal Shortage) से देश के सामने बड़ा बिजली संकट (Power Crisis) उत्पन्न हो गया है. अब तक कोयला संकट के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, झारखंड, गुजरात और आंध्रप्रदेश में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है. गांवों में कई घंटों तक बिजली कटौती होने लगी है, वहीं शहरों पर भी इसका प्रभाव दिखने लगा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कई राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से हस्तछेप करने की अपील की है. कोयले की कमी की वजह से कम क्षमता पर चल रहे पंजाब के बिजली संयंत्र, कटौती शुरू
बताया जा रहा है कि इस साल देश में कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन देश के कई हिस्सों में ज्यादा बारिश होने के कारण कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक कोयले की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जिस वजह से कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है. इसके उलट, आयातित कोयला कीमतों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की वजह से आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र अपनी क्षमता के आधे से भी कम बिजली का उत्पादन कर रहे हैं. इस वजह से बिजली उत्पादन क्षेत्र दोहरे दबाव में है.
बड़ी कंपनियों ने उत्पादन किया बंद
रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात को 1850, पंजाब को 475, राजस्थान को 380, महाराष्ट्र को 760 और हरियाणा को 380 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने वाली टाटा पावर ने गुजरात के मुंद्रा में अपने आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र से उत्पादन बंद कर दिया है. अडाणी पावर की मुंद्रा इकाई को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. परिणामस्वरूप शहरों और गांवों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली कटौती शुरू हो चुकी है.
पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र को एक पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इस स्थिति पर नजर रख रहे हैं और ऐसी स्थिति न आए इसके लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं.
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इस संकट से उबारने की गुहार लगाई है. दरअसल आयातित कोयले से बिजली उत्पादन की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गयी है. जिस वजह से बिजली उत्पादन कंपनियों को नुकसान हो रहा है और वें उत्पादन कम कर रहीं हैं. नतीजतन कई राज्यों में बिजली उत्पादन पर इसका गहरा असर पड़ा है.
एक्शन में आई सरकार
कोयला मंत्रालय का कहना है कि देश में पर्याप्त कोयले का भंडार है और माल की लगतार भरपाई की जा रही है. खदानों में लगभग चार करोड़ टन और बिजली संयंत्रों में 75 लाख टन का भंडार है. खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचना परेशानी रही है क्योंकि अत्यधिक बारिश के कारण खदानों में पानी भर गया है. लेकिन अब इसे निपटाया जा रहा है और बिजली संयंत्रों को कोयला की आपूर्ति बढ़ रही है. राजस्थान में कोयले की कमी के कारण बिजली का उत्पादन प्रभावित
वहीं, विद्युत मंत्रालय ने आवश्यकता के अनुरूप उत्पादन स्टेशनों का परिचालन अधिकतम क्षमता पर करने के दिशानिर्देश जारी किये है. हालांकि उत्पादकों और वितरकों ने महज कुछ दिन का कोयला बचा होने का दावा करते हुए भारी बिजली कटौती की चेतावनी दी है.