देश की खबरें | कोयले की कमी की वजह से कम क्षमता पर चल रहे पंजाब के बिजली संयंत्र, कटौती शुरू

चंडीगढ़, नौ अक्टूबर पंजाब में ताप बिजली संयंत्रों में कोयले की भारी कमी के कारण बिजली कंपनी पीएसपीसीएल को उत्पादन में कटौती करनी पड़ी है और राज्य में कई स्थानों पर बारी-बारी से बिजली आपूर्ति में कटौती की जा रही है। कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र की आलोचना की है।

पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि कोयले की कमी के कारण कोयला संचालित बिजली संयंत्र कम क्षमता पर संचालित हो रहे हैं।

पीएसपीसीएल के अधिकारी ने कहा कि बिजली की स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य में बिजली संयंत्रों के पास अब पांच दिन तक का कोयला भंडार बचा है। उन्होंने कहा कि कोयला बचाने के लिए संयंत्रों का परिचालन पूरी क्षमता पर नहीं किया जा रहा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को कोयले की कथित अपर्याप्त आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आशंका जताई कि आने वाले कुछ दिनों में कोयले की आपूर्ति तेजी से कम होने की वजह से राज्य के ताप बिजली संयंत्रों को बंद करना पड़ा सकता है।

उन्होंने कहा कि पंजाब को कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न सहायक इकाइयों से करार होने के बावजूद पर्याप्त कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है। चन्नी ने केंद्र सरकार से तत्काल पंजाब को कोयले की आपूर्ति करने की मांग की ताकि बिजली संकट को गंभीर होने से रोका जा सके।

वर्तमान में राज्य में बिजली की मांग लगभग 9,000 मेगावॉट है।

अधिकारियों ने बताया कि कृषि क्षेत्र से बिजली की मांग के अलावा दिन का उच्च तापमान भी राज्य में बिजली की जरूरतों को बढ़ा रहा है।

हालांकि, पीएसपीसीएल के अधिकारियों ने न्यूनतम बिजली कटौती का दावा किया, लेकिन राज्य में कई स्थानों पर दो-तीन घंटे तक बिजली कटौती की खबरें हैं।

राज्य में कोयले की आपूर्ति में आई कमी के मद्देनजर बिजली की स्थिति की समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ताप बिजली संयंत्र कोयले की कम आपूर्ति की वजह से पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं।

हालांकि, उन्होंने दोहराया कि सरकार धान की फसल की सिंचाई के लिए बिजली की आपूर्ति करने को प्रतिबद्ध है, जो पकने की कगार पर है।

चन्नी ने यहां जारी बयान में कहा कि शहरों और गांवों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली कटौती की जा रही है ताकि कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त बिजली की आपूर्ति की जा सके और ग्रिड अनुशासन का भी पालन हो सके।

पीएसपीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ए वेणु प्रसाद ने चन्नी को सूचित किया कि पूरे देश के ताप विद्युत संयंत्र कोयले की कम आपूर्ति की वजह से क्षमता से कम बिजली उत्पादन का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य में स्वतंत्र बिजली उत्पादक (आईपीपी) संयंत्रों के पास दो दिन से भी कम समय के लिए कोयला बचा है जिनमें नाभा पावर लिमिटेड के पास 1.9 दिन के लिए, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के पास 1.3 दिन के लिए और जीवीके के पास 0.6 दिन के लिए कोयले का भंडार बचा है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाले रोपड़ ताप विद्युत संयंत्र और लेहरा मोहब्बत ताप विद्युत संयंत्र के पास चार से पांच दिन का कोयला बचा है।

गौरतलब है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के दिशानिर्देश के मुताबिक जो संयंत्र कोयला खदान से एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित हैं उनके पास कम से कम 30 दिन का कोयला भंडार होना चाहिए।लेकिन राज्य के संयंत्रों द्वारा भंडार के इस स्तर का अनुपालन नहीं किया जाता।

अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को बिजली संयंत्रों को परिचालन के लिए कोयले की कुछ आपूर्ति की गई।

उन्होंने बताया कि कम उत्पादन की वजह से पीएसपीसीएल को ऊर्जा एक्सचेंज से बिजली खरीदनी पड़ रही है जो 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है जो काफी मंहगी है।

वेणु प्रसाद ने कहा कि उन्होंने केंद्र को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। अधिकारियों ने दावा किया कि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार होगा।

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