नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को गंभीर प्लस (Severe Plus) श्रेणी में पहुंच गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 451 रिकॉर्ड किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शहर के 35 निगरानी स्टेशनों में से 32 ने वायु गुणवत्ता को गंभीर प्लस श्रेणी में दर्ज किया. कई क्षेत्रों में एक्यूआई रीडिंग 470 तक दर्ज की गई.
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राष्ट्रीय राजधानी में GRAP-4 लागू है. इसके तहत हाईवे और फ्लाईओवर जैसी पब्लिक प्रोजेक्ट्स समेत सभी तरह के कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ की गतिविधि पर प्रतिबंध है. साथ ही गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों की भी दिल्ली में एंट्री बैन रहेगी.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया था, जिसमें बहुत घना कोहरा छाने की चेतावनी दी गई है. विभाग ने बताया कि गुरुवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के सामान्य से थोड़ा ज़्यादा है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
PM2.5 प्रदूषक ने बढ़ाया खतरा
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक PM2.5 कणों का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया. दिल्ली के 35 में से 32 निगरानी केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को 'गंभीर प्लस' श्रेणी में दर्ज किया. PM2.5 यह छोटे कण (2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले) होते हैं, जो सांस के जरिए फेफड़ों में गहराई तक पहुंच सकते हैं. कुछ क्षेत्रों में AQI 470 तक दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है.
दिल्ली वालों के लिए खतरा
दिल्ली की जहरीली हवा न केवल सांस से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ाती है, बल्कि यह हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और बच्चों व बुजुर्गों के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकती है.