हाल ही में मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक महिला को मुआवज़ा राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी, जिसके साथ 20 साल तक दुर्व्यवहार, अपमान और घरेलू हिंसा की गई थी, यह देखते हुए कि पति और उसका परिवार "करोड़पति" है. अतिरिक्त सेशन जज समीर अंसारी ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा मुआवज़े के रूप में दी गई 5 लाख रुपये की राशि कम है. जज ने आगे बताया कि पति बहुत अमीर है, इसलिए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पत्नी को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा बहुत कम है और इसलिए, उसे वास्तव में पति के हाथों 20 साल तक सहे गए अत्याचार, अपमान, आर्थिक शोषण, ताने आदि के लिए मुआवज़ा देने के लिए बहुत अधिक वृद्धि की आवश्यकता है. अदालत ने पति और उसके माता-पिता और पत्नी द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, सभी ने 18 फरवरी, 2020 को पारित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती दी. यह भी पढ़ें: ससुराल से विधवा को नहीं निकाला जा सकता, केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

सेशन कोर्ट ने महिला को मिलने वाले मुआवजे में वृद्धि की..

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)