Air Pollution: कैंसर से लेकर हार्ट अटैक और बांझपन... साइलेंट किलर है वायु प्रदूषण; ऐसे करें बचाव
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Air Pollution: सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ने लगती हैं. इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के अन्य जिले प्रदूषण के चलते गैस चैंबर बने हुए हैं. इसके चलते सांस से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. हाल के हफ्तों में फेफड़ों के संक्रमण, अस्थमा, और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसे मामलों में भारी इज़ाफा देखा गया है. क्या आप जानते हैं कि वायु प्रदूषण हमारे लिए कितना खतरनाक है. यह सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि हमारे हृदय, मस्तिष्क और प्रजनन प्रणाली पर भी गहरा असर डालता है.

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बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर और भी गंभीर होता है. दरअसल पीएम 2.5 कण खून के जरिए शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रहे हैं साथ ही साथ हेल्दी लोगों के बायोमार्कर को भी खराब करने का काम कर रहे हैं, जिसके चलते ऐसा हो रहा है, खासकर डायबिटीज-हाई ब्लड प्रेशर और क्रोनिक किडनी रोगियों को इसके चलते दिक्कतें हो रही हैं. आइए जानते हैं इसके खतरनाक प्रभाव और बचाव के उपाय.

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वायु प्रदूषण का सेहत पर प्रभाव

  • फेफड़ों पर प्रभाव: वायु प्रदूषण हमारे फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
  • अस्थमा और एलर्जी: प्रदूषण अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकता है और इसके लक्षणों को बढ़ा सकता है.
  • फेफड़ों का कैंसर: डीजल का धुआं और तंबाकू का धुआं फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं.
  • सांस की बीमारियां: वायु प्रदूषण बच्चों में फेफड़ों के विकास को बाधित करता है और वयस्कों में सांस की बीमारियों को बढ़ाता है.

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2. हृदय पर प्रभाव

विशेषज्ञों के अनुसार, वायु प्रदूषण न केवल फेफड़ों बल्कि हमारे हृदय पर भी बुरा असर डालता है.

  • ब्लड प्रेशर में वृद्धि: प्रदूषण से रक्तचाप बढ़ता है, जिससे दिल के दौरे, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और अचानक मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है.
  • कोरोनरी सिंड्रोम: दिल की रक्त वाहिकाएं प्रदूषण के कारण क्षतिग्रस्त हो सकती हैं.

3. मस्तिष्क पर प्रभाव

  • न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: वायु प्रदूषण अल्ज़ाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है.
  • बच्चों में IQ पर असर: प्रदूषित हवा बच्चों के मस्तिष्क विकास को बाधित करती है, जिससे उनकी शैक्षणिक क्षमता प्रभावित होती है.

4. प्रजनन स्वास्थ्य पर प्रभाव

प्रदूषण का असर महिलाओं और पुरुषों दोनों की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है.

बांझपन: वायु प्रदूषण प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है.

गर्भपात और कम वजन के बच्चे: गर्भावस्था के दौरान प्रदूषित हवा के संपर्क में आना जोखिम भरा हो सकता है.

5. कैंसर का खतरा

वायु प्रदूषण से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. वायु प्रदूषण में मौजूद प्रदूषक कणों के कारण फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ता है. वायु प्रदूषण से फेफड़ों के अलावा भी कई तरह के कैंसर हो सकते हैं. इसके प्रभाव में आने से लोगों को स्तन कैंसर, रक्त कैंसर और त्वचा कैंसर हो सकता है. ये सभी ज्यादातर हवा के अत्यधिक संपर्क में रहने के कारण हो सकते हैं.

6. किडनी की समस्या

जहरीली हवा के कारण लेड, कॉपर और मर्करी जैसे धातु के कण शरीर में घुस जाते हैं, जिससे किडनी में सिस्ट बनने का खतरा बढ़ जाता है और ये सिस्ट नेफ्रॉन में जमा हो जाते हैं और किडनी की कार्यप्रणाली को बिगाड़ देते हैं, ऐसे में किडनी काम करना बंद कर देती है. किडनी कैंसर भी इसी वजह से बढ़ रहा है. यूरिन इन्फेक्शन, प्रोस्टेट की समस्या, मोटापा, भारी दवा, शुगर और बीपी ये सभी बीमारियां किडनी को नुकसान पहुंचाती.

कौन हैं सबसे ज्यादा जोखिम में?

  • बच्चे: बच्चों के फेफड़े और इम्यून सिस्टम विकसित हो रहे होते हैं, जिससे वे अधिक संवेदनशील होते हैं.
  • बुजुर्ग: जिनके फेफड़े और दिल पहले से कमजोर होते हैं.
  • स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग: अस्थमा, COPD या हृदय रोग से पीड़ित लोग प्रदूषण से अधिक प्रभावित होते हैं.

आइए जानते हैं कि खुद को वायु प्रदूषण से कैसे बचाया जा सकता है

घर के अंदर सुरक्षित रहें

दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें- जितना हो सके, घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, ताकि बाहर की प्रदूषित हवा अंदर न आए.

एयर प्यूरिफायर का उपयोग करें

यदि आपके पास एयर प्यूरिफायर है, तो उसे चलाएं. अगर आप ऐसे शहर में रह रहें है जहां का AQI बहुत अधिक है तो एयर प्यूरिफायर खरीद लें. यह हवा में मौजूद प्रदूषक कणों को कम करने में मदद करेगा.

पौधे लगाएं: पौधे हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं. आप अपने घर के आसपास ज्यादा से ज्यादा पौधे लगा सकते हैं. घर के अंदर इंडोर प्लांट्स लगाएं. इससे घर के अंदर का प्रदूषण कम होगा और ऑक्सीजन बढ़ेगा.

बाहर निकलते समय सावधानी बरतें

मास्क पहनें: जब भी घर से बाहर निकलें, N95 मास्क पहनें. यह आपको काफी हद तक प्रदूषित हवा से बचाएगा.

पीक आवर्स में बाहर निकलने से बचें: हो सके तो, पीक आवर्स में यानी सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें, क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है.

खिड़कियां बंद रखें: यदि आप कार से यात्रा कर रहे हैं, तो खिड़कियां बंद रखें.

स्वास्थ्य का ध्यान रखें

प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं. हेल्दी डाइट लें... फल, सब्जियां और हरी पत्तेदार सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं. घर के अंदर योग और व्यायाम करने से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आप प्रदूषण के प्रभावों से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं. अगर आपको सांस लेने में तकलीफ, खांसी या छाती में दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.