इस्लामाबाद, 19 दिसंबर : ग्रीस में नाव पलटने की घटना में कम से कम 40 पाकिस्तानियों की मौत हो गई. अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की. हालांकि शुरूआत में बताया गया था कि यूरोप में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते समय डूबने से 5 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए. ग्रीक अधिकारियों ने बुधवार को जब बचाव अभियान समाप्त करने की घोषणा की, तो 35 पाकिस्तानियों को मृत घोषित कर दिया गया. पाकिस्तानी नागरिकों को मानव तस्करी रैकेट के जरिए लीबिया के रास्ते अवैध रूप से यूरोप भेजा जा रहा था.
जानकारी के अनुसार, मृतकों में से अधिकांश नाबालिग या किशोर थे जो पंजाब प्रांत से ताल्लुक रखते थे. इनमें से ज्यादातर सियालकोट, गुजरात, मंडी बहाउद्दीन और नारोवाल जिलों के थे. इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के तहत एक विशेष टास्क फोर्स बनाने और देश में मानव तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पाकिस्तानियों को लीबिया के लिए वीजा जारी किया गया था, जहां से उन्हें नावों पर ग्रीस ले जाया गया था. यह भी पढ़ें : सुशासन का प्रतीक माने जाते हैं अटल बिहारी वाजपेयी : मुख्यमंत्री योगी
इस मामले में अब तक कम से कम छह मामले दर्ज किए गए हैं और चार संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अधिकारियों को मानव तस्करों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. ग्रीस के तट पर नाव पलटने की ताजा घटना अपनी तरह की पहली घटना नहीं है. पिछले वर्ष, ग्रीस के पास अवैध रूप से यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश करते समय कम से कम 262 पाकिस्तानी नागरिकों की इसी प्रकार जान चली गई थी.
पाकिस्तान में मानव तस्करी के मुद्दे पर कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक के दौरान पीएम शहबाज ने कहा, "ऐसी घटनाएं इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में सुस्ती के कारण होती है." इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि 12-14 साल की उम्र के कई नाबालिग कैसे लीबिया के लिए वीजा पाने में सफल हो गए और पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन काउंटरों से होते हुए अपनी यात्रा पर निकल गए. मानव तस्करी के पूरे नेटवर्क में सरकारी अधिकारियों और संस्थानों पर शामिल होने की चिंता जताई जा रही है.